गुप्तकाशी में चौथा बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल हुआ शुरू, सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन करेंगे सीएम धामी

गुप्तकाशी में चौथा बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल हुआ शुरू, सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन करेंगे सीएम धामी

गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग) — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को गुप्तकाशी में आयोजित चौथे बॉर्डर माउंटेन चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत क्षेत्र विकास परिषद (Border Area Development Council) के गठन की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत जिलों में नवाचार केंद्र (Innovation Centres) स्थापित किए जाएंगे, जहां आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ा प्रशिक्षण एवं जानकारी दी जाएगी।

यह राज्य स्तरीय कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न जिलों से आए युवा वैज्ञानिकों से जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, अक्षय ऊर्जा और जल संरक्षण जैसे विषयों पर संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव राज्य के दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्चों को दिशा और अवसर प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने नवाचार, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने घोषणा की कि देहरादून जल्द ही भारत का पाँचवाँ साइंस सिटी बनेगा, जो राज्य के लिए एक बड़ा कदम होगा।

आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग जिला अधिकारी को आपदा प्रबंधन केंद्र की स्थापना की योजना तैयार करने के निर्देश दिए और पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बंसू जखाधार में विकास कार्यों के लिए ₹50 लाख की घोषणा की। उन्होंने पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, उद्यमी इंद्र सिंह रावत और सीमांत सेवा फाउंडेशन के डॉ. पाटनी को उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। साथ ही, उन्होंने यूकॉस्ट रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड बुक का विमोचन किया, जो जीआईएस आधारित प्रणाली है और विभिन्न विभागों के आंकड़ों को एक प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करती है।

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इस वर्ष के बॉर्डर माउंटेन डिस्टिक्ट चिल्ड्रन साइंस फेस्टिवल की थीम “Climate Change Adaptation Strategies and Disaster Risk Management Integration” रखी गई है, जिसका उद्देश्य जलवायु अनुकूलन और सतत संसाधन प्रबंधन पर वैज्ञानिक चर्चा को बढ़ावा देना है।

Saurabh Negi

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