चमोली में मलबे से मां की छाती से लिपटे मिले जुड़वा बच्चे, गांव में मातम

चमोली – नंदानगर की आपदा ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है, लेकिन कुंतरी लगा फाली गांव से सामने आई तस्वीर ने हर किसी का दिल दहला दिया। मलबे से एक मां और उसके दो जुड़वा बेटों के शव निकले। दोनों बच्चे अपनी मां की छाती से ऐसे चिपके थे, मानो आखिरी सांस तक उनकी गोद में ही रहना चाहते हों। यह मंजर देखकर गांव का हर शख्स रो पड़ा।
यह परिवार मजदूरी करके घर चलाने वाले कुंवर सिंह का था। गुरुवार तड़के आई आपदा में पूरा मकान मलबे में दब गया। करीब 16 घंटे तक मलबे में दबे रहने के बाद कुंवर सिंह को जीवित बाहर निकाला गया, लेकिन पत्नी कांती देवी और दोनों बेटे विकास और विशाल (10 वर्ष) की जान नहीं बच पाई।
गांववालों की आंखों में आंसू थे। पड़ोसी बलवंत सिंह ने रोते हुए कहा, “जब बच्चों को मां की छाती से लिपटा देखा तो कलेजा फट गया। ऐसा दर्द हमने कभी नहीं देखा। पूरा गांव इस गम को जिंदगी भर नहीं भुला पाएगा।”
गुरुवार सुबह राहत कार्य के दौरान बचाव दल को घर से आवाज सुनाई दी। रोशनदान से झांककर देखा तो अंदर कुंवर सिंह दबे हुए मिले। उनका आधा शरीर मलबे में फंसा था और चेहरे पर मिट्टी जमी थी। घंटों की मशक्कत के बाद शाम को उन्हें सुरक्षित निकाला गया।
गांव की एक बुजुर्ग महिला कांपती आवाज़ में बोलीं, “मां अपने बच्चों को आखिरी सांस तक सीने से लगाए रही। यह दृश्य किसी की भी आत्मा को हिला देगा।”
रेस्क्यू टीम ने बताया कि कुंवर सिंह को रोशनदान से हवा मिल रही थी, इसी वजह से उनकी जान बच गई। उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया। लेकिन पत्नी और बच्चों के शव मिलते ही गांव में मातम पसर गया। हर कोई यही कह रहा था कि इस त्रासदी ने नंदानगर की तबाही को और गहरा कर दिया है।