चमोली: घास काटने गई महिला लापता होने के बाद जंगल से जीवित मिली; खून के निशान और बिखरे सामान से फैली दहशत

चमोली: घास काटने गई महिला लापता होने के बाद जंगल से जीवित मिली; खून के निशान और बिखरे सामान से फैली दहशत

चमोली जिले के पौखरी क्षेत्र में घास लेने गई एक महिला के लापता होने से बुधवार शाम को हड़कंप मच गया। जंगल में खून के निशान और उसके बिखरे सामान मिलने पर जंगली जानवर के हमले की आशंका बढ़ गई थी। लेकिन गुरुवार सुबह वह महिला जीवित मिली, जिससे गांव में राहत की सांस ली गई।

जानकारी के अनुसार, पाव गांव की 50 वर्षीय रमेश्वरी देवी बुधवार सुबह घास लेने पास के घजे डुंगरा टोक जंगल गई थीं। शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने इसकी सूचना ग्रामीणों और पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस, वन विभाग, एसडीआरएफ और ग्रामीणों की टीमों ने संयुक्त खोज शुरू की, लेकिन अंधेरा बढ़ने पर तलाश रोकनी पड़ी।

खोज के दौरान एक स्थान पर उनकी दरांती, रस्सी, दुपट्टा और खून के निशान दिखे। हाल के महीनों में इस क्षेत्र में भालू की गतिविधि बढ़ने के कारण जंगली जानवर के हमले की आशंका और मजबूत हो गई। इससे गांव में दहशत फैल गई।

गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने दोबारा तलाश शुरू की। कुछ दूरी पर जंगल से हल्की आवाजें सुनाई दीं। तलाश करने पर रमेश्वरी देवी एक चट्टानी हिस्से के पास जीवित मिलीं, हालांकि वह घबराई हुई और थकी हुई थीं। सूचना मिलते ही पुलिस, वन विभाग और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और उन्हें सुरक्षित बाहर लाया गया।

ग्रामीणों के अनुसार, पिछले दो महीनों से आसपास के जंगलों में भालू की लगातार आवाजाही देखी जा रही है। इसी कारण लोग समूह में ही घास काटने या खेती के काम के लिए जंगल जा रहे हैं।

इसे भी पढ़ें – ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना: अब 2028 तक पहुंचेगी ट्रेन, टनल ब्रेकथ्रू की नई समयसीमा 2026 तय

केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे ने बताया कि क्षेत्र में भालू की मौजूदगी को देखते हुए तुरंत पेट्रोलिंग टीम भेजी गई है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जंगल में अकेले न जाएं और समूह में भी सतर्क रहकर चलें।

Saurabh Negi

Share