चमोली में सड़क बंद होने से मासूम ने तोड़ा दम, प्रसव पीड़ा झेलती महिला ने रास्ते में दिया बच्चे को जन्म

चमोली में सड़क बंद होने से मासूम ने तोड़ा दम, प्रसव पीड़ा झेलती महिला ने रास्ते में दिया बच्चे को जन्म

चमोली-  उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से गांव-गांव का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। परखाल–सिलोडी मोटर मार्ग आठ दिनों से बंद है और इसी लापरवाही ने एक मासूम की जिंदगी छीन ली। सिलोडी गांव की 32 वर्षीय कविता देवी को शुक्रवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई। लेकिन सड़क बाधित होने से स्वजन और ग्रामीणों को उन्हें डंडी के सहारे 7 किमी पैदल उठाकर ले जाना पड़ा। रास्ते में ही उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल पहुंचने के कुछ ही समय बाद मासूम ने दम तोड़ दिया।

ग्रामीणों ने बताया कि परखाल–सिलोडी मार्ग पिछले आठ दिनों से पूर्ण रूप से बंद है। बरसात में इस मार्ग पर भूस्खलन आम बात है, लेकिन विभाग अब तक स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया। क्षेत्र पंचायत सदस्य हिमानी देवी ने कहा कि सड़क बंद रहने से लोग लगातार परेशानी झेल रहे हैं और यह घटना विभागीय लापरवाही का नतीजा है।

सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि डोडिंग गधेरे में पिछले तीन साल से हर बारिश के मौसम में भूस्खलन से यह मार्ग बाधित होता है। एनपीसी अधिकारियों को कई बार स्थायी समाधान की मांग की गई, लेकिन हर बार केवल अस्थायी मरम्मत कर पल्ला झाड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज एक मासूम की जान जाना सरकार और विभाग की गंभीर नाकामी को उजागर करता है।

यह घटना सवाल खड़े करती है कि आखिर क्यों ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का स्थायी प्रबंध नहीं किया जा रहा। जब सड़कें हफ्तों तक बंद रहती हैं तो आमजन, खासकर गर्भवती महिलाओं और बीमार मरीजों का जीवन संकट में पड़ जाता है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश तो दिए हैं, लेकिन घटनाएं साबित करती हैं कि जमीनी स्तर पर अमल बेहद कमजोर है।

इसे भी पढ़ें – उत्तराखंड के चार जिलों में जीएसआई लगाएगा अर्ली वार्निंग सिस्टम, भूस्खलन से नुकसान कम करने की कोशिश 

ग्रामीणों का कहना है कि अगर मार्ग समय पर खुला होता तो मासूम की जान बच सकती थी। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस सड़क का स्थायी समाधान किया जाए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा न सहनी पड़े।

Saurabh Negi

Share