चारधाम यात्रा से पहले डीजीपी का ज़मीन पर मुआयना, बोले—श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं

चारधाम यात्रा से पहले डीजीपी का ज़मीन पर मुआयना, बोले—श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं

चारधाम यात्रा की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और प्रदेश पुलिस महकमा एक्शन मोड में है। सोमवार को उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने ऋषिकेश और हरिद्वार में यात्रा से जुड़ी तैयारियों का ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर जायजा लिया। रजिस्ट्रेशन कैंप से लेकर ट्रैफिक कंट्रोल तक—हर व्यवस्था की बारीकी से जांच की और अफसरों को साफ निर्देश दिए: “श्रद्धालुओं को कतई असुविधा नहीं होनी चाहिए।”

ट्रांजिट कैंप में औचक निरीक्षण, श्रद्धालुओं से सीधे बातचीत
डीजीपी सेठ सबसे पहले ऋषिकेश पहुंचे। यहां चारधाम यात्रा के प्रमुख रजिस्ट्रेशन कैंप में उन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया, पूछताछ केंद्र, सहायता कक्ष, स्वास्थ्य सुविधा और सुरक्षा इंतज़ामात का निरीक्षण किया। अफसरों को उन्होंने स्पष्ट कहा—”हर विभाग की एकजुटता ज़रूरी है। श्रद्धालुओं को इंतज़ार या भटकाव कतई न हो।”

उन्होंने यात्रियों से बातचीत की, खाने-पीने, रजिस्ट्रेशन और ठहरने की व्यवस्था पर फीडबैक लिया। जवाब साफ था—जहां सुधार की जरूरत है, वहां तत्काल कार्रवाई हो। सेठ ने पुलिस कर्मियों को आदेश दिया कि वे हर यात्री से मधुर व्यवहार करें, मौजूदगी प्रभावशाली हो और ट्रैफिक या भीड़ की स्थिति में तत्काल हस्तक्षेप करें। अगर भीड़ बढ़े तो वैकल्पिक काउंटर चालू किए जाएं और ड्रोन से निगरानी का उपयोग पूरी सतर्कता से हो।

“आपके पास यात्रा मार्गों और इमरजेंसी सेवाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। श्रद्धालु आप पर भरोसा करते हैं,”—सेठ ने यह बात मुनिकीरेती में तैनात जवानों से कही।

मुनि की रेती से लेकर हरिद्वार तक समीक्षा का सिलसिला
टिहरी जिले के मुनिकीरेती में उन्होंने पर्यटक सहायता केंद्र और चारधाम रूट के ट्रैफिक प्लान की समीक्षा की। इसके बाद हरिद्वार में सिडकुल थाने के नए भवन का शिलान्यास किया और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर जोर दिया। ऋषिकुल और चमगादड़ टापू के यात्री केंद्रों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने पेयजल, शौचालय, सहायता कक्ष और पार्किंग की स्थिति देखी और कहा—”भीड़भाड़ में हर श्रद्धालु को सुरक्षा का भरोसा मिलना चाहिए।”

हरिद्वार में उच्चस्तरीय बैठक
निरीक्षण के बाद सीसीआर सभागार में चारधाम यात्रा की सुरक्षा व प्रबंधन को लेकर अहम बैठक हुई। इसमें गढ़वाल आईजी, हरिद्वार-देहरादून-टिहरी के एसएसपी और अन्य अधिकारी शामिल रहे। डीजीपी ने कहा—”हरिद्वार चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार है, यहां की सुरक्षा किसी भी चूक की गवाह नहीं बननी चाहिए।”

ये निर्देश दिए गए?

  • रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर पर्याप्त फोर्स की तैनाती हो
  • कंट्रोल रूम हर पल एक्टिव रहें
  • कंट्रोल रूम्स में सूचनाओं का रियल-टाइम आदान-प्रदान हो
  • भीड़ प्रबंधन में लाउडस्पीकर और ड्रोन की भूमिका हो
  • सभी जिलों की ट्रैफिक प्लानिंग साझा हो, ताकि स्थिति के मुताबिक तुरंत बदलाव संभव हो

डीजीपी की दो टूक बात:
“ये सिर्फ यात्रा नहीं, ये आस्था और उत्तराखंड की प्रतिष्ठा की परीक्षा है। हमारी तैयारी श्रद्धालुओं को भरोसा दिलाने वाली होनी चाहिए—चूक की कोई गुंजाइश नहीं।”

 

Saurabh Negi

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