हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों को न जाने दें – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्षाकाल के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों व आपदा प्रबंधन अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों को अपने फोन बंद न रखने को कहा है। वहीं, सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने सभी जिलाधिकारियों को उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों को आवागमन की अनुमति न देने के निर्देश जारी किए हैं।
रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि आपदा के समय राहत व बचाव कार्य के लिए किसी भी अधिकारी को कहीं भी जाना पड़ सकता है। ऐसे में अधिकारियों से कहा गया है कि फोन लगातार आन रखें और संचार के माध्यम भी दुरुस्त रखें।
यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी मौसम प्रतिकूल होता है तो भूस्खलन की आशंका रहती है। सड़कें भी बंद हो जाती हैं। नदी व नाले उफान पर आ जाते हैं। इसे देखते हुए सभी अधिकारियों से कहा गया है कि वे अलर्ट रहें। उन्होंने उत्तराखंड आने वाले यात्रियों व श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य ले लें। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को सुचारू रखने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।
उधर, सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा ने हरिद्वार में वर्षा के कारण नदियों में जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर को जिलों में विशेष सावधानी सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने आपदा व दुर्घटना की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्रवाई करने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ग्राम स्तर तक के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा जाए। उन्हें कहा गया है कि नालियों व कलवटों में बाधाओं को दूर किया जाए, मोटर मार्ग बाधित होने की स्थिति में लोनिवि इसे खुलवाने का कार्य सुनिश्चित करेगा।