मुख्यमंत्री ने आज सिविल सेवा में चयनित युवाओं का किया सम्मान, राष्ट्र सेवा का दिलाया संकल्प
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिविल सेवा में चयनित युवा अधिकारियों को प्रेरित करते हुए उनके सामने राष्ट्रवाद और समाज सेवा को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा में प्रवेश से उनके जीवन की एक नई यात्रा शुरू हो रही है, जिसमें पूरे समाज की अपेक्षाएं उनसे जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करना और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाना उनके प्रमुख दायित्वों में होना चाहिए।
शनिवार को देहरादून के आईआरडीटी सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने संकल्प फाउंडेशन के सहयोग से 2024 की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित 22 प्रतिभागियों और उनके अभिभावकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा अधिकारी 21वीं सदी के नए प्रशासनिक सेवक बनकर समाज में बदलाव लाएंगे और विकसित भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। उन्होंने अधिकारियों से देश की संस्कृति के सच्चे संरक्षक बनने और ईमानदारी तथा सत्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने की अपील की।
पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने भी सिविल सेवा के भावी अधिकारियों को संबोधित किया और उन्हें अपने कार्यों में धन की अपेक्षा न रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सिविल सेवा का उद्देश्य समाज की सेवा करना है और अधिकारियों को इसे अपने जीवन का मिशन बनाना चाहिए।
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इस अवसर पर संकल्प फाउंडेशन के न्यासी संतोष पाठक ने संस्था के प्रयासों की सराहना की और कहा कि संकल्प संस्था आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी में मदद कर रही है। कार्यक्रम में चयनित सिविल सेवा अधिकारियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।
इस मौके पर आरएसएस के उत्तराखण्ड प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, इक्वफाई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राम किरन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, और शासन-प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।