मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘युवा धर्म संसद’ में युवाओं को भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए किया प्रेरित
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को पतंजलि ऑडिटोरियम, हरिद्वार में आयोजित ‘चतुर्थ युवा धर्म संसद’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम सेवा संस्थानम द्वारा आयोजित किया गया था, जहां मुख्यमंत्री ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के 1893 के शिकागो भाषण को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत करते हुए युवाओं से समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “आज का युवा न केवल जिम्मेदार है, बल्कि कर्तव्य परायण भी है। यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।” उन्होंने बताया कि किसी भी देश का विकास उसकी युवा शक्ति पर निर्भर करता है, और जब तक युवा संगठित और आत्मनिर्भर नहीं होते, तब तक राष्ट्र का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से सकारात्मक सोच के साथ कार्य क्षेत्र का चयन करने का आग्रह किया, साथ ही यह भी कहा कि उनका उद्देश्य हमेशा राष्ट्र प्रथम होना चाहिए।
धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान मिलने की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि योग और प्राणायाम जैसी भारतीय विधाओं को आज पूरा विश्व अपना रहा है, और भारतीय संस्कृति का वैश्विक स्तर पर सम्मान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति की धरोहरों को संरक्षित करते हुए 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के मिशन पर कार्य किया जा रहा है।
उत्तराखंड के युवाओं का बढ़ता योगदान
धामी ने उत्तराखंड की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि राज्य के युवा स्टार्टअप्स के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं और देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड अध्यात्म की धरती है, और राज्य सरकार इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।” उन्होंने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की स्थापना का भी उल्लेख किया, जो धार्मिक और सांस्कृतिक अध्ययन को बढ़ावा देगा।
कार्यक्रम में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महासचिव चम्पत राय, बाबा रामदेव, और आचार्य मिथिलेश नन्दनी शरण जैसे प्रमुख धर्मगुरुओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने युवा शक्ति के महत्व पर जोर दिया और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग और प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे। विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह और एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत विचारों और उत्तराखंड के युवाओं की भूमिका पर आधारित यह धर्म संसद न केवल राष्ट्र निर्माण में योगदान देगी, बल्कि युवाओं को प्रेरित करने का एक सशक्त मंच भी बनेगी।