मुख्यमंत्री धामी ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से संवाद कर दी बड़ी सौगातें

मुख्यमंत्री धामी ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से संवाद कर दी बड़ी सौगातें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक संवाद के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉन्च किया तथा समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पेंशन की पांचवीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी जाएगी। साथ ही कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा समाप्त करने की भी घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक वृद्धाश्रम की स्थापना की जाएगी।

मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में धामी ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने की ऊर्जा मिलती है। उन्होंने कहा कि योजनाएं तभी सफल होती हैं जब वे पारदर्शिता और ईमानदारी से जमीनी स्तर तक पहुंचती हैं और लाभार्थी महसूस करें कि सरकार ने उनकी जिंदगी को बेहतर बनाया है।

 धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए कई ठोस प्रयास हुए हैं। दिव्यांग सशक्तिकरण अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान, एडीआईपी योजना, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना, स्वालंबन योजना और छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 96 हजार से अधिक दिव्यांगजन पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें से 18 वर्ष से अधिक आयु वाले 86 हजार लाभार्थियों को 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है, जबकि 18 वर्ष से कम आयु के 8 हजार से अधिक बच्चों को 700 रुपये प्रतिमाह सहायता मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए लोगों और 4 फुट से कम ऊंचाई वाले व्यक्तियों को 1200 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि “दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना” से जुड़ा नया सॉफ्टवेयर पात्र लाभार्थियों को पारदर्शिता के साथ लाभ सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ किया गया है, जहां दिव्यांग बच्चों को Early Intervention की सुविधा दी जाएगी। सरकार जल्द ही ऐसे केंद्र सभी जिलों में स्थापित करेगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि लगभग 6 लाख वृद्धजनों को डीबीटी के माध्यम से पेंशन सीधे बैंक खातों में पहुंचाई जा रही है। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए वृद्धाश्रम निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में एनजीओ द्वारा वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके सम्मान और सुरक्षा में कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू कर सरकार ने बुजुर्गों को यह कानूनी अधिकार दिया है कि वे अपने बच्चों से भरण-पोषण की मांग कर सकें।

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इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजानदास और सविता कपूर, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष नवीन वर्मा, समाज कल्याण सचिव श्रीधर बाबू अदह्यांकी, अपर सचिव प्रकाश चन्द्र, समाज कल्याण निदेशक चन्द्र सिंह धर्मशक्तू और जनजाति कल्याण निदेशक संजय टोलिया मौजूद रहे।

Saurabh Negi

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