आईटी पार्क भूमि सौदे पर कांग्रेस का धामी सरकार पर हमला, बोली- ‘पब्लिक टू प्राइवेट ट्रांसफर’ का मामला

आईटी पार्क भूमि सौदे पर कांग्रेस का धामी सरकार पर हमला, बोली- ‘पब्लिक टू प्राइवेट ट्रांसफर’ का मामला

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस ने देहरादून के आईटी पार्क की भूमि को रियल एस्टेट परियोजना में बदलने के कथित फैसले को लेकर धामी सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार ने युवाओं के रोजगार और तकनीकी विकास के लिए बनाए गए आईटी पार्क की भूमि को एक निजी बिल्डर को सौंपकर जनता के विश्वास से खिलवाड़ किया है।

मंगलवार को जारी बयान में कांग्रेस ने कहा कि आईटी पार्क की स्थापना राज्य के युवाओं को रोजगार और तकनीकी अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन अब सरकार ने इसकी भूमि आरसीसी डेवलपर नामक निजी कंपनी को आवासीय परियोजना के लिए दे दी है। पार्टी ने इसे “आईटी पार्क की मूल भावना को नष्ट करने वाला निर्णय” बताया।

कांग्रेस ने वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी के हवाले से दावा किया कि आईटी पार्क की भूमि को 90 वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को सौंप दिया गया है। पार्टी के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया भी पारदर्शी नहीं रही। भूमि का बेस रेट ₹40,000 प्रति वर्गमीटर था, लेकिन बोली मात्र ₹46,000 प्रति वर्गमीटर तक ही गई और दोनों प्लॉट एक ही कंपनी को दे दिए गए। इतना ही नहीं, कंपनी को केवल 25% राशि अग्रिम में और शेष किस्तों में चुकाने की अनुमति दी गई, जिससे सरकार की भूमिका “नियामक से अधिक एक वित्तीय सहयोगी” जैसी लगती है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सिडकुल (SIDCUL) अब औद्योगिक विकास के बजाय रियल एस्टेट गतिविधियों में उलझ गया है। पार्टी ने कहा कि “इतने बड़े निर्णय से पहले न तो जनता को सूचित किया गया और न ही कोई सार्वजनिक परामर्श हुआ। यह सिडकुल के औद्योगिक उद्देश्य से पूरी तरह भटकाव है।”

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पार्टी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और औद्योगिक सचिव विनय शंकर पांडे से मांग की कि वे स्पष्ट करें कि यह भूमि हस्तांतरण सार्वजनिक हित में है या किसी निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। कांग्रेस ने कहा, “सरकार ने 90 साल के लिए इतनी मूल्यवान भूमि देकर भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों को गिरवी रख दिया है। यह सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि नीतिगत नैतिकता और जनविश्वास का मामला है।”

Saurabh Negi

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