कांग्रेस की बड़ी घोषणा- सोनिया गांधी तय करेंगी बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा

कांग्रेस की बड़ी घोषणा- सोनिया गांधी तय करेंगी बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इसे लेकर तमाम राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं। दोनों गठबंधन की बात करें तो एनडीए ने पहले से ही अपना भरोसा नीतीश कुमार पर पूरी तरह से जता दिया है और उन्हें ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। खींचतान तो महागठबंधन में मची है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर संग्राम मचने की पूरी संभावना है।

महागठबंधन कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि बिहार में महागठबंधन मजबूत स्थिति में हैं।

सोनिया गांधी तय करेंगी महागठबंधन का सीएम चेहरा

उन्होंने विधानसभा चुनाव में राजद नेता तेजस्वी यादव की महागठबंधन से उम्मीदवारी पर तंज कसते हुए कहा, नेता चुनने का अधिकार सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को है। वही विस चुनाव में महागठबंधन का चेहरा तय करेंगी। राठौर की यह बात महागठबंधन में कांग्रेस के सहयोगी राष्‍ट्रीय जनता दल के उस दावे के विपरीत है, जिसके अनुसार तेजस्‍वी यादव महागठबंधन के मुख्‍यमंत्री चेहरा हैं।

उन्होंने कहा कि जिस तरह देश में माहौल बना है, उससे बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। भाजपा ने डर व भय का माहौल बना रखा है। अफसोस है कि दिल्ली दंगे में मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग भी हैं। मेरी शोक संवेदनाएं पीडि़त परिवार के साथ है।
राठौर बुधवार को शहर के राजेंद्र आश्रम स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय में पार्टी की दो दिवसीय मगध प्रमंडलीय बैठक में सभी जिलों के प्रखंड अध्यक्षों के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन कर रहे थे। उन्होंने अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन गया जिले के 27 प्रखंड अध्यक्षों, औरंगाबाद के 12, नवादा के 15, जहानाबाद के आठ और अरवल के पांच प्रखंड अध्यक्षों के साथ बारी-बारी से विधानसभा चुनाव की तैयारी पर मंत्रणा की।
इस दौरान उन्होंने कुल 59 प्रखंड अध्यक्षों से उनकी तैयारियों के बारे में पूछा और दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में संगठनात्मक चुनाव के अलावा सभी प्रखंडों में धारदार तरीके से आंदोलन, भ्रष्टाचार, विधि व्यवस्था, बेरोजगारी, किसान समस्या व स्थानीय समस्याओं पर धरना-प्रदर्शन करने को कहा। प्रखंड अध्यक्षों को 15 मार्च से 15 अप्रैल तक सभी प्रखंडों में सम्मेलन का आयोजन करने को कहा।

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