प्रदेश में बढ़ते साइबर हमलों के बीच प्रदेश में तैयार हो रही साइबर कमांडो की फौज
देश में बढ़ रहे साइबर हमलों को देखते हुए उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए साइबर कमांडो की टीम तैयार की जा रही है। पहले चरण में 10 साइबर कमांडो का चयन किया गया है, जिन्हें साइबर क्राइम थाना देहरादून और हल्द्वानी से चुना गया है। इन कमांडो को फरवरी माह में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की ऑनलाइन परीक्षा पास करने के बाद चयनित किया गया है।
साइबर सुरक्षा को लेकर सरकार का सख्त रुख
बढ़ती साइबर धोखाधड़ी को देखते हुए केंद्र सरकार ने साइबर कमांडो बनाने की योजना बनाई है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम पहलू बताया है। उत्तराखंड में भी इस योजना को धरातल पर उतारा गया है, और जल्द ही चयनित पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।
इन संस्थानों में होगा साइबर कमांडो का प्रशिक्षण:
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात
- राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात
- राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, दिल्ली
- आईआईटी कानपुर
- आईआईटी चेन्नई
- आईआईटी कोट्टायम, केरल
- आईआईटी नया रायपुर, छत्तीसगढ़
- डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी, पुणे
- नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गोवा
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चयनित पुलिसकर्मी:
- सब इंस्पेक्टर आशीष गुसांई
- सब इंस्पेक्टर राजीव सेमवाल
- सब इंस्पेक्टर राहुल कापड़ी
- सब इंस्पेक्टर राजेश ध्यानी
- महिला सब इंस्पेक्टर वंदना
- सहायक सब इंस्पेक्टर विनोद बिष्ट
- हेड कांस्टेबल पवन
- कांस्टेबल सुभाष खत्री
- कांस्टेबल उष्मान
- कांस्टेबल अरविंद बिष्ट