धाद साहित्य एकांश द्वारा एक काव्य गोष्ठी ‘काव्य-मंजरी का आयोजन
देहरादून-16 मार्च 2019 को धाद साहित्य एकांश द्वारा एक काव्य गोष्ठी ‘काव्य-मंजरी’ का आयोजन डी॰ ए॰ वी॰ पी॰ जी॰ काॅलेज में किया गया।
काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्राचार्य डा॰ अजय सक्सेना डी॰ ए॰ वी॰ पी॰ जी॰ काॅलेज, कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल (कवि प्रदीप) डॅा॰ सविता मोहन पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड शासन, धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी के द्वारा मा सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके किया गया।
कार्यक्रम के आरम्भ में मंचस्थ कवियों का स्वागत पुष्प कलिकाओं चमेली के पौधे को साहित्य एकांश द्वारा भेंट स्वरूप देकर किया गया।
कार्यक्रम में डा॰ सविता मोहन द्वारा-कविता के स्वरूप पर एक व्याख्यान दिया गया उन्होंने कहा कि ‘कविता जीवन की परिभाषा है जीवन के प्रत्येक रूप में कविता है कविता का प्रादुर्भाव प्रकृति से हुआ है ‘ उन्होनें नीम वर्मा की कविता का उदाहराण दिया ‘तेरे घर में भी वही चाँदनी मेरे घर में भी वही चाँदनी’ और कविता की आत्मा मन की प्रकृति में है।
काव्यगोष्ठी का आरम्भ नवाँकुरों द्वारा काव्य पाठ करके किया गया-
1 ‘मैं सिपाही हूँ पर मनुष्य भी हूँ’ शिवानी सेमवाल एम॰ के॰ पी॰ काॅलेज की छात्रा
2 ‘बेेटी बन कर आयी हूँ मां’ हिमानी बिष्ट एम॰ के॰ पी॰ काॅलेज की छात्रा
काव्य गोष्ठी को चार चाँद लगाते हुए वरिष्ठ कवियों ने अपना-अपना काव्य पाठ किया।
‘रोशनी दफन है कहाँ तहकीकात करने है’ अवनीश उनियाल धाद साहित्य एकांश
1 ‘सपने सजाती हैं आंखे तुम्हारी मगर जिनकी आंखों में सपने नहीं है उन्हें भी दो सपने कुछ ख्वाब अपने सपनों की सौगात दे दो उन्हें भी’ डाॅ॰ बसंती मठपाल
2. ‘गीत नया गाने दो चेतना जगाने दो’ नीता कुकरेती
3. ‘फागुन ने छेड़ी तान’ डाॅ॰ विरेन्द्र डंगवाल पार्थ
2 ‘निश्चित ही हो जाओगे सभी एकता रूप मित्रों अपना लो होली का प्रारूप’ शादाब अली।
‘करदो इतना धमाल होली में रह न जाय मलाल होल में’ अमर खरबंदा।
‘ अब के होरी आओ संवरिया’ नीलम बिष्ट।
‘कैंसे में होली मनाऊँ’ आभा नेगी।
‘जमे रिश्तों को पिघलाने वाली’ सुजाता पाटनी।
कार्यक्रम के आरम्भ में लोक गायिका पूनम नैथानी द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया व धाद साहित्य एकांश की सचिव मंजू काला ने सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए धाद साहित्य एकांश का संक्षिप्त पचिय देते हुए कहा कि एकांश का उद्देश्य‘साहित्य के विस्तृण फलक पर बिखरी साहित्य की विधाओं से पाठ को और साहित्यिक अभिरूचि के लोगों को परिचित कराने के लिए एकांश साहित्य विभिन्न विधाओं पर केन्द्रित वृहद कार्यक्रम अयोजित करता है।
कार्यक्रम का संचालन शायर शादाब अली द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में साहित्य एकांश की अध्यक्षा कल्पना बहुगुणा ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए सभी से सुझााव मांगा ताकि साहित्य एकांश भविष्य में और भी बेहतर और वृहद कार्यक्रम आयोजित कर सके और उन्होंने कहा कि एकांश का सदा से उद्देश्य रहा है कि हम न केवल साहित्यिक प्रतिभाओं को मंच मुहया करवाएं अपितु नई पीढी को भी रचनात्मक सरोकारों से जोड़े।
‘काव्य मंजरी’ कार्यक्रम की विशेषता यही रही की इस आयोजन में नव हस्ताक्षरों को मंच मुहया करवाया गया और उनकी रचना धर्मिता से वरिष्ठ साहित्यकारों से परिचय कराया गया कार्य क्रम उपस्थिति निम्नवत रही- हिमानी बिष्ट, शिवानी सेमवाल, इकरा निशा, साहित्या चंदोला, डॅा॰ बसंती मठपाल, नीलम बिष्ट, आभा नेगी, कविता बिष्ट, डाॅ॰ सविता भट्ट, सुजाता पाटनी, नवीन नौटियाल, शाहाना खान, अलीशा, प्रीती नेगी, अभिवंदिता राणा, तनुजा बोरा, सोनम, वीरेन्द्र डंगवाल, अंबर खरबंदा, शादाब अली, दर्द गढ़वाली, सोनिया नौटियाल आदि मौजूद थे।