भारत में खुदरा महंगाई दर में गिरावट, जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 3.54% पर पहुंचा

भारत में खुदरा महंगाई दर में गिरावट, जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 3.54% पर पहुंचा

नई दिल्ली (ANI): जून में 5 प्रतिशत से ऊपर जाने के बाद, भारत में खुदरा महंगाई दर जुलाई में काफी हद तक नरम हो गई। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बताया कि जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 3.54 प्रतिशत पर पहुंच गया। जून में, महंगाई दर में जो वृद्धि देखी गई थी, वह मुख्य रूप से बढ़ती खाद्य कीमतों के कारण 5.08 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। हालांकि, जुलाई में इसमें तेज गिरावट आई, जिससे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है।

खाद्य महंगाई में भी गिरावट – जुलाई 2024 में खाद्य महंगाई दर भी जून 2023 के बाद सबसे कम रही। वर्ष-दर-वर्ष आधार पर खाद्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CFPI) जुलाई 2024 के लिए 5.42 प्रतिशत रहा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए खाद्य महंगाई दर क्रमशः 5.89 प्रतिशत और 4.63 प्रतिशत रही।

हालांकि खाद्य कीमतों में नरमी आई है, लेकिन भारत में नीति निर्धारकों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। सरकार का लक्ष्य महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर स्थिर करना है, लेकिन ताजा आंकड़े बताते हैं कि महंगाई दर को काबू में करने में अभी और मेहनत की जरूरत है।

वार्षिक महंगाई दर में गिरावट –  मई 2023 में वार्षिक महंगाई दर 4.75 प्रतिशत के 12-महीने के निचले स्तर पर रही, जो अप्रैल में 4.83 प्रतिशत थी। दिसंबर 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 5.7 प्रतिशत दर्ज किया गया था, जो इसके बाद से लगातार घटता गया है।

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आरबीआई की नीतियों का असर – जून में मासिक महंगाई दर में आई गिरावट भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीतियों के कारण आई है। RBI ने लगातार चौथे महीने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया, जिससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिली। हालांकि, RBI की 2-6 प्रतिशत की आरामदायक सीमा से खुदरा महंगाई दर अब भी ऊपर है, जिससे आगे की नीतियों पर नजर रखनी होगी।

यह खबर भारत की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी हो सकती है, लेकिन खाद्य कीमतों पर नजर बनाए रखने की जरूरत बनी हुई है।

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