देहरादून में 30-बेड पुनर्वास केंद्र शुरू, किशोर नशा-मुक्ति पर जोर

देहरादून में नशे की चपेट में आए नाबालिग बच्चों के लिए राज्य का पहला आधुनिक 30-बेड पुनर्वास एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने यह जानकारी जिलेस्तरीय नारकोटिक्स कोऑर्डिनेशन समिति की बैठक में दी। केंद्र रायवाला स्थित वृद्धाश्रम भवन में संचालित किया जा रहा है और वर्तमान में चार बच्चे उपचार ले रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बढ़ते किशोर नशे पर चिंता जताते हुए सामाजिक कल्याण विभाग को केंद्र के संचालन दिशानिर्देश जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लक्ष्य नशे की गिरफ्त में आए बच्चों को मुख्यधारा में लाना और उनका भविष्य सुरक्षित करना है। प्रशासन ने एम्स ऋषिकेश के साथ एमओयू भी किया है, जिसके तहत 10 इंटेंसिव थेरेपी बेड और सातों दिन चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध रहेगी।
अवैध नशा व्यापार रोकने को लेकर डीएम ने अब तक की departmental कार्यवाही की समीक्षा की और मेडिकल स्टोर्स व फार्मा फैक्ट्रियों की सख्त जांच के निर्देश दिए। सभी मेडिकल दुकानों में 10 दिन के भीतर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य किया गया है, अन्यथा लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे। जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों में व्यापक स्तर पर ड्रग टेस्टिंग कराने के भी निर्देश दिए गए।
जिला प्रशासन ने एंटी-ड्रग हेल्पलाइन 9625777399 और केंद्रीय हेल्पलाइन 1933 को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों-कॉलेजों में एंटी-ड्रग कमेटियां सक्रिय करने, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाने और हेल्पलाइन नंबरों के पोस्टर लगाने को कहा गया है।
ANTF, STF, NCB और ड्रग कंट्रोल विभाग को आपसी समन्वय कर डिमांड-सप्लाई चेन तोड़ने के निर्देश भी दिए गए। हाल ही में देहरादून के 19 स्थानों से शिकायतें आईं, जिनमें 12 प्रकरण दर्ज किए गए। ग्राफिक एरा, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी और यूनिसन कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहां 17 छात्रों का ड्रग टेस्ट हुआ।
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बैठक में एसडीएम सदर हरिगिरी, सीओ अंकित कंडारी, एसीएफ अनिल सिंह रावत, जिला आबकारी अधिकारी वी.के. जोशी, एसीएमओ डॉ. दिनेश चौहान, सामाजिक कल्याण अधिकारी दीपंकर घिल्डियाल, ड्रग इंस्पेक्टर विनोद जगूड़ी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम लाल भारती, आसरा ट्रस्ट की सुप्रिया शर्मा, डी.डी.ए.सी. निदेशक वैशाली देवनाथ समेत विभिन्न तहसीलों के एसडीएम वर्चुअल मोड से शामिल हुए।




