दून कोर्ट में अब सिर्फ वकील ही पहन सकेंगे वकीलों की ड्रेस, बार एसोसिएशन ने मुंशी, इंटर्न और दलालों पर लगाई रोक

देहरादून, 15 जुलाई — जिला न्यायालय देहरादून में अब अधिवक्ता की ड्रेस—सफेद शर्ट, काली पैंट और काली कोट—पहनकर केवल पंजीकृत वकील ही परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। देहरादून बार एसोसिएशन ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी करते हुए मुंशी, वकालत के छात्र (इंटर्न) और दलालों को वकीलों की वेशभूषा पहनने से स्पष्ट रूप से वर्जित किया है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट की ओर से जारी विशेष सूचना में कहा गया है कि कुछ गैर-पंजीकृत लोग खुद को वकील दर्शाकर कोर्ट परिसर में सक्रिय हैं। ये लोग अधिवक्ता की वेशभूषा में न्यायिक कार्यों में शामिल होते दिख रहे हैं, जो कानूनन अपराध है और एडवोकेट्स एक्ट का उल्लंघन भी।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अधिवक्ताओं से अपील की गई है कि यदि उनके साथ कोई मुंशी कार्यरत है, तो उसका पहचान पत्र बार एसोसिएशन से अनिवार्य रूप से बनवाएं। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को अधिवक्ता का भेष धारण कर न्यायालय परिसर में घूमते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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इंटर्न के लिए ड्रेस कोड और सख्त नियम –
लॉ इंटर्न को भी अब न्यायालय परिसर में केवल अपने कॉलेज की यूनिफॉर्म में प्रवेश की अनुमति होगी, जिस पर कॉलेज का मोनोग्राम होना चाहिए। इसके साथ कॉलेज का वैध पहचान पत्र पहनना अनिवार्य किया गया है। यदि कोई इंटर्न इन निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो संबंधित कॉलेज को शिकायत भेजी जाएगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
बार एसोसिएशन ने यह कदम न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बनाए रखने और दलाली व फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया है।