देहरादून में महिलाओं की साइकिलिंग में भागीदारी बढ़ने के लिए नई पहल : साइकिल सखी

देहरादून – देहरादून में महिलाओं की साइकिलिंग में भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से आज एक नई पहल ‘साइकिल सखी’ की शुरुआत की गई। पहाड़ी पेडलर्स द्वारा आयोजित इस पहले आयोजन में 40 महिलाओं ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। राइड की शुरुआत मालदेवता स्थित बाइक क्राफ्ट साइकिल स्टोर से हुई और सभी प्रतिभागी 8 किलोमीटर की दूरी तय कर सहस्त्रधारा पहुंचीं, फिर वहीं से वापसी करते हुए बाइक क्राफ्ट साइकिल स्टोर तक लौटीं।
बारिश के बावजूद सुबह 6:30 बजे सभी महिलाएं समय पर बाइक क्राफ्ट पहुंच गईं। कार्यक्रम की शुरुआत पूनम नेगी द्वारा प्रतिभागियों को नियम और सुरक्षा निर्देश समझाकर की गई। इस दौरान बाइक क्राफ्ट के अक्षत ने कुछ प्रतिभागियों को साइकिल और तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई, जिससे वे साइकिल की देखभाल और संचालन को बेहतर ढंग से समझ सकें।
इस पहल को ‘साइकिल सखी’ नाम दिया गया है, जिसका आयोजन चांदनी अरोड़ा और रवीना नेगी ने किया। दोनों आयोजिकाएँ पिछले कई महीनों से देहरादून के विभिन्न इलाकों में जाकर महिलाओं से संवाद कर रही थीं और उन्हें साइकिलिंग के लिए प्रेरित कर रही थीं। चांदनी अरोड़ा ने बताया कि साइकिल सखी के अंतर्गत अब नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि महिलाओं को सार्वजनिक सड़कों पर साइकिल चलाने का आत्मविश्वास मिल सके और वो घरों से बहार निकल सकें।
रवीना नेगी का मानना है कि साइकिल न केवल एक फिटनेस साधन है, बल्कि यह शहर के ट्रैफिक दबाव को कम करने में भी सहायक हो सकती है। वहीँ पूनम नेगी ने राइड के उद्देश्य पर बोलते हुए कहा, “The motive of this ride is to increase our Sakhis… and our mantra is: Nothing worth doing if you are not having fun!”
पहाड़ी पेडलर्स ग्रुप के सह-संस्थापक अनुज केड़ियाल ने बताया कि पहाड़ी पेडलर्स हमेशा साइकिलिंग में नवाचार करता रहा है और समाज के लोगों को साइकिल से जोड़ने का काम करता है और ‘साइकिल सखी’ इसी दिशा में एक अहम कदम है।
क्या है साइकिल सखी?

देहरादून की महिलाओं को साइकिलिंग के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक प्लेटफॉर्म देने के उद्देश्य से ‘साइकिल सखी’ की शुरुआत की गई है। आयोजक चांदनी अरोड़ा और रवीना ने बताया कि उन्होंने देखा कि कई महिलाएं साइकिल चलाना चाहती थीं, लेकिन उनके साथ कोई नहीं होता था। इस वजह से वो साइकिल घर से ज्यादा दूर तक साइकिल नहीं चला पाती हैं। ‘साइकिल सखी’ इसी सामाजिक कमी को पूरा करने और महिलाओं को एक-दूसरे से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
आज की राइड की खास बात यह रही कि इसमें 16 साल की छात्राओं से लेकर 72 साल की वरिष्ठ नागरिक तक ने भाग लिया। ऑफिस जाने वाली महिलाएं, गृहिणियां, कॉलेज के छात्राएं और रिटायरमेंट के बाद नई जिंदगी जी रही महिलाएं — सभी एक साथ साइकिल पर निकलीं। और आगे भी इसी तरह निकलती रहेंगी, क्योकि साइकिल सखी की राइड का आयोजन होता रहेगा।
देहरादून की 72 वर्षीय साइकिल मेयर विश्व धीमान भी इस राइड का हिस्सा बनीं। उन्होंने बताया कि वह पिछले 9 वर्षों से निरंतर साइकिलिंग कर रही हैं और अब तक भारत के कई राज्यों की यात्राएं साइकिल से पूरी कर चुकी हैं। उन्होंने ‘साइकिल सखी’ को एक सराहनीय पहल बताते हुए आयोजकों को भविष्य में हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।
कार्यक्रम में साइकिलिंग के क्षेत्र में विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हिमानी गुरुंग, वंदना सिंह, शांता देवी, श्रद्धा, भावना, मेघा, अंजलि भंडारी, शिवानी, रीना शाही, प्रियंका बिष्ट, रीना सेठी, वृंदा और अन्य कई महिलाएं शामिल रहीं।