दिल्ली का गैंग देहरादून में बसा रहा था बांग्लादेशियों को, ठेकेदार की तलाश में पुलिस

दिल्ली का गैंग देहरादून में बसा रहा था बांग्लादेशियों को, ठेकेदार की तलाश में पुलिस

देहरादून, 19 मई (IST)। राजधानी देहरादून में हाल ही में पकड़े गए पांच बांग्लादेशी नागरिकों के पीछे एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इन लोगों को दिल्ली के एक संगठित गैंग की मदद से यहां बसाया गया था। यह गैंग पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशियों को गैरकानूनी रूप से भारत में प्रवेश कराकर बिहार और दिल्ली के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह बांग्लादेशियों के फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उन्हें मजदूरी जैसे कार्यों में लगा देता है। देहरादून में पकड़े गए आरोपियों के साथ पूजा रानी नाम की एक भारतीय महिला भी रह रही थी, जो इनकी मदद कर रही थी। मुख्य आरोपी आलम खान नामक ठेकेदार है, जो दिल्ली का रहने वाला है और विभिन्न निर्माण स्थलों पर मजदूरों की आपूर्ति करता है। उसने ही इन बांग्लादेशियों को देहरादून के क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में बसाया था।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। अब उन्हें देश से वापस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। साथ ही पुलिस की टीमें मुख्य आरोपी आलम खान और उसके साथियों की तलाश में दिल्ली और आसपास के इलाकों में भेजी गई हैं।

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पुलिस के अनुसार, आलम खान का नेटवर्क बिहार और बंगाल बॉर्डर तक फैला है। यहां उसके कुछ सहयोगी बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते हैं, जिनमें अधिकांश आधार कार्ड बिहार के पतों पर बने होते हैं। इसी नेटवर्क के जरिए देश के कई हिस्सों में बांग्लादेशियों को बसाया जा रहा है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक मुनीर चंद्र राय पहले भी देहरादून आ चुका है और हर्रावाला स्थित कैंसर अस्पताल के निर्माण में मजदूरी कर चुका है। यह तथ्य इस गिरोह की गहरी जड़ों को उजागर करता है।

खुफिया एजेंसियां भी इस मामले की गहराई से जांच में जुट गई हैं। पुलिस का कहना है कि यह मामला केवल देहरादून तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय स्तर पर फैले नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। फिलहाल शहर और देहात दोनों इलाकों में सत्यापन अभियान और तेज कर दिए गए हैं।

Saurabh Negi

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