अवैध संबंध, ब्लैकमेल और हत्या: 80 वर्षीय प्रधानाचार्य की दर्दनाक मौत का खुलासा

अवैध संबंध, ब्लैकमेल और हत्या: 80 वर्षीय प्रधानाचार्य की दर्दनाक मौत का खुलासा

देहरादून में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्यामलाल गुरुजी की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का आरोप मृतक की करीबी गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी पर लगा है। जांच में सामने आया कि गीता ने पैसों के लालच में अपने पति के साथ मिलकर श्यामलाल को ब्लैकमेल करने की योजना बनाई थी। जब उनकी साजिश का पर्दाफाश हुआ तो उन्होंने श्यामलाल की गला दबाकर हत्या कर दी और शव के चार टुकड़े कर सहारनपुर में नदी में फेंक दिया।

24 दिन बाद पकड़े गए आरोपी

हत्या के बाद से ही गीता और हिमांशु फरार थे और पुलिस से बचने के लिए लगातार शहर बदल रहे थे। वे दिल्ली, मुंबई, जयपुर, प्रयागराज और कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर पहुंचे थे। पुलिस ने 24 दिन की तलाश के बाद उन्हें अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया।

श्यामलाल के लापता होने की रिपोर्ट उनकी बेटी निधि राठौर ने सात फरवरी को पटेलनगर थाने में दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता दो फरवरी को बाइक लेकर घर से निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी फुटेज में पता चला कि वे किशननगर एक्सटेंशन में गीता के किराए के कमरे पर गए थे, लेकिन वापस लौटने की कोई फुटेज नहीं मिली।

जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि गीता और उसका पति हिमांशु फरार हैं। इसके बाद पुलिस ने उनके मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए और गीता के मायके देवबंद (सहारनपुर) में छापेमारी की। वहां से गीता के भाई अजय कुमार को हिरासत में लिया गया।

भाई ने खोला हत्याकांड का राज

पुलिस की पूछताछ में गीता के भाई अजय ने हत्या का पूरा राज खोल दिया। उसने बताया कि गीता और हिमांशु ने दो फरवरी को श्यामलाल की हत्या की थी। शव ठिकाने लगाने के लिए चार फरवरी को गीता ने अपने भाई अजय और बहनोई धनराज चावला को देहरादून बुलाया। दोनों ने शव को सहारनपुर की साखन नदी में फेंक दिया।

पुलिस ने 19 फरवरी को अजय और धनराज को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर 20 फरवरी को श्यामलाल के शव के टुकड़े बरामद किए। इसके बाद से पुलिस गीता और हिमांशु की तलाश में जुटी थी।

अनैतिक संबंध और पैसों की साजिश

पुलिस के मुताबिक, श्यामलाल सरकारी इंटर कॉलेज से प्रधानाचार्य पद से रिटायर हुए थे। इसके बाद उन्होंने एक एनजीओ खोला, जहां गीता काम करती थी। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और उनके संबंध बन गए।

गीता ने पहले किसी और से शादी की थी और उसकी एक बेटी भी थी, लेकिन पति को जब गीता के संबंधों का पता चला तो दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद गीता तीन साल की बेटी के साथ अकेली रहने लगी और उसका पूरा खर्च श्यामलाल उठाते थे।

बाद में गीता की नजदीकियां एमबीबीएस छात्र हिमांशु चौधरी से बढ़ीं और मई 2024 में दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। हिमांशु को गीता और श्यामलाल के संबंधों के बारे में पता था, लेकिन पैसों की जरूरत के कारण वह गीता का साथ देता रहा।

कैसे दिया वारदात को अंजाम?

गीता और हिमांशु ने श्यामलाल से मोटी रकम ऐंठने की साजिश रची। इसके लिए उन्होंने एक कमरे में गुप्त कैमरे लगाए ताकि उनकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जा सके। दो फरवरी को गीता ने श्यामलाल को बुलाया, लेकिन उन्होंने कमरे में लगे कैमरे देख लिए और विरोध करने लगे।

इस पर गीता और हिमांशु ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी और शव को कमरे में छोड़कर चले गए। तीन फरवरी को वे वापस आए और शव के चार टुकड़े कर उन्हें प्लास्टिक के कट्टों में भर दिया। चार फरवरी को गीता के भाई और बहनोई ने शव को कार की डिक्की में रखकर सहारनपुर में नदी में फेंक दिया।

पुलिस को गुमराह करने के लिए श्यामलाल की बाइक आईएसबीटी के पास एक खाली प्लॉट में खड़ी कर उसकी नंबर प्लेट उखाड़ दी गई।

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बेटी को मायके छोड़कर हुई फरार

हत्या के बाद गीता ने अपनी तीन साल की बेटी को मायके में छोड़ दिया और हिमांशु के साथ दिल्ली चली गई। वहां से वे लगातार शहर बदलते रहे, लेकिन पुलिस ने आखिरकार अमृतसर से उन्हें पकड़ लिया।

Saurabh Negi

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