चीन शूटिंग वर्ल्ड कप की तैयारी में देहरादून में भारतीय टीम का प्रशिक्षण

चीन शूटिंग वर्ल्ड कप की तैयारी में देहरादून में भारतीय टीम का प्रशिक्षण

देहरादून – चीन में सात से 15 सितंबर तक होने वाले शूटिंग वर्ल्ड कप के लिए भारतीय निशानेबाज देहरादून में खास प्रशिक्षण ले रहे हैं। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज स्थित त्रिशूल शूटिंग रेंज में 24 निशानेबाजों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। उनके साथ 12 कोच मौजूद हैं, जिनमें एक विदेशी कोच भी शामिल है। यह शिविर गुरुवार से शुरू हुआ और छह सितंबर तक चलेगा।

सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक खिलाड़ी शूटिंग रेंज में अभ्यास करते हैं। इसके बाद होटल लौटकर शारीरिक फिटनेस की ट्रेनिंग करते हैं और मन को तरोताजा रखने के लिए योग एवं ध्यान करते हैं। यह दिनचर्या खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रतियोगिता के लिए तैयार कर रही है।

टीम में 15 निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल एवं पिस्टल वर्ग में चुने गए हैं। इनमें मद्देनेनी उमामहेश, दिव्यांश सिंह पंवार, नीरज कुमार, अमित शर्मा, निशांत रावत, सम्राट राणा, रमिता जिंदल, मेघना एम सज्जानार, कशिका प्रधान, सुरभि राव, राइम संगवान, एशा सिंह, राही जीवन सरनोबत, अभिदन्य अशोक पाटिल और दिव्या टीएस शामिल हैं।

वहीं, 50 मीटर एयर राइफल एवं पिस्टल टीम में नौ निशानेबाज हैं। इनमें स्वप्निल सुरेश कुशाले, बाबू सिंह पंवार, किरन अंकुश जाधव, भावेश शेखावत, प्रदीप सिंह शेखावत, मंदीप सिंह, मेहुली घोष, सुरभि भारद्वाज और मनिनी कौशिक के नाम प्रमुख हैं। रमिता जिंदल, उमामहेश और स्वप्निल कुशाले जै से खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

खिलाड़ियों के खान-पान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उनके साथ न्यूट्रिशनिस्ट (पोषण विशेषज्ञ) मौजूद हैं, जो उनके लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार तैयार कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि निशानेबाज पूरे शिविर और प्रतियोगिता के दौरान चुस्त-दुरुस्त बने रहें।

त्रिशूल शूटिंग रेंज को देश की चुनिंदा आधुनिक शूटिंग रेंज में गिना जाता है। रायपुर क्षेत्र में पहाड़ों से घिरे और शहर के शोर-शराबे से दूर स्थित यह रेंज खिलाड़ियों को शांत और अनुकूल वातावरण देती है। इसे 38वें राष्ट्रीय खेल से पहले आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया था। यहां करीब 20 करोड़ की लागत से स्विट्जरलैंड से मंगाए गए 160 इलेक्ट्रॉनिक टारगेट लगाए गए हैं। 25 मीटर की रेंज में 60 आधुनिक टारगेट मौजूद हैं। यही तकनीक वर्ष 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी इस्तेमाल हुई थी।

भारतीय टीम की यह तैयारियां न सिर्फ चीन वर्ल्ड कप के लिए, बल्कि आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी देश की उम्मीदें बढ़ा रही हैं।

Saurabh Negi

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