देहरादून, दिन-प्रतिदिन डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। डेंगू के विकराल रूप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी दून में ही अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या पांच सौ पार पहुंच चुकी है।
गुरुवार को दून में 38 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। सभी मरीज शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इनमें कुछ मरीज सरकारी व कुछ निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस तरह देहरादून में डेंगू पीड़ितों की अब तक की संख्या बढ़कर 519 हो गई है। जबकि प्रदेश में मरीजों का यह आंकड़ा 531 तक पहुंच गया है। लगातार नए मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे के भी हाथ-पांव फूल रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को सूझ नहीं रहा कि आखिर किया क्या जाए।
डेंगू के मच्छर की सक्रियता कम करने के लिए अब तक के तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं। इधर, पिछले दिनों की तरह विभागीय टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को डेंगू की बीमारी के कारण व बचाव की जानकारी दी। खास बात यह है कि देहरादून से ऋषिकेश तक भी स्वास्थ्य विभाग की टीम दौड़ लगा रही है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने ऋषिकेश क्षेत्र और दूसरी टीम ने देहरादून के नेहरू ग्राम व आसपास के क्षेत्रों में डेंगू निरोधी अभियान चलाया।
क्षेत्रीय पार्षद उर्मिला पाल के साथ आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने नेहरू ग्राम में 125 घरों तक पहुंचकर मच्छर के लार्वा का सर्वे किया। अधिकांश घरों में मच्छर का लार्वा मिला है। कूलरों, पानी की टंकियों आदि जगह पनप रहे मच्छर के लार्वा को नष्ट किया गया। वहीं लोगों को बीमारी की रोकथाम व बचाव की जानकारी भी दी गई। आसपास सफाई व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है। स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया गया। जिसमें सामान्य बुखार के मरीजों को दवा दी गई और डेंगू संदिग्धों के खून के नमूने लेकर एलाइजा जांच के लिए लैब भेजे गए हैं।
मच्छरों से बचाव का भी बढ़ा कारोबार
शहर में डेंगू के डर से मच्छरों से बचाव का कारोबार भी तेजी से बढ़ा है। मच्छरों को घर में घुसने से रोकने के लिए विंडो नेट की डिमांड बढ़ी है। वहीं स्प्रे, कॉयल, इलेक्टिक रिफिल, फास्ट कार्ड, क्रीम, ऑयल, इलेक्टिक रैकेट की बिक्री भी 20-25 फीसदी बढ़ गई है।
दून में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। खासकर अगस्त में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। मलिन बस्तियों से लेकर पॉश कॉलोनी तक लोग इसकी जद में हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि डेंगू से ज्यादा तेज उसका खौफ फैला है। ऐसे में लोग मच्छरों से बचाव के लिए हर तरह के उपाय कर रहे हैं। ऐसे में बाजार में मच्छरों से बचने के लिए मिलने वाले तमाम उत्पाद की मांग बढ़ गई है। इतना ही नहीं बड़े प्रतिष्ठानों द्वारा की जा रही खरीद के कारण भी दबाव ज्यादा बढ़ गया है।
स्कूल-दफ्तरों ने बढ़ाई डिमांड
डेंगू को देखते हुए सरकारी-गैर सरकारी प्रतिष्ठान भी एहतियात बरत रहे हैं। मसलन दफ्तरों में मच्छर से बचाव के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा स्कूलों में भी नियमित स्प्रे किया जा रहा है। इसके अलावा मॉस्किटो कॉयल व इलेक्टिक मैट भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों को क्रीम आदि लगातार आने को कहा गया है। जिस कारण खरीद एकाएक बढ़ गई है।
ताकि सेहत रहे दुरुस्त
एक तरफ जहां बाजार में मच्छरों से बचाव का सामान बमुश्किल मिल रहा है, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता व प्लेटलेट्स बढ़ने के लिए फलो की बिक्री भी खूब हो रही है। फल विक्रेता सावेज अहमद के अनुसार इस समय पपीता, अनार, कीवी आदि ज्यादा ले रहे हैं।
नवीन खुराना (महासचिव केमिस्ट एसोसिएशन) का कहना है कि पिछले कुछ वक्त में स्प्रे, क्रीम, कॉयल, इलेक्टिक रिफिल आदि की मांग बढ़ी है। इसमें करीब 20-25 फीसदी का इजाफा हुआ है।