गंभीर अपराधों की जांच अब और बेहतर होगी, डीजीपी ने दिए निर्देश

देहरादून, 09 जुलाई — उत्तराखंड के पुलिस प्रमुख डीजीपी दीपम सेठ ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक का मकसद था — अपराधों की जांच (विवेचना) को और तेज़, सटीक और भरोसेमंद बनाना। डीजीपी ने साफ कहा कि जब कोई बड़ा अपराध होता है, तो उसकी जांच में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर केस में सबूत, विडियो, और वैज्ञानिक तरीके से जांच होनी चाहिए ताकि दोषी को सजा मिले और बेगुनाह न फंसे। उन्होंने यह भी कहा कि थानों से लेकर जिले के कप्तान तक हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। अगर जांच में लापरवाही हुई तो संबंधित अफसर जवाबदेह होगा।
डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा कि—
- हर जिले में पुलिस अफसरों को जांच से जुड़े नए कानून और तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- हर केस की जांच समय से पूरी होनी चाहिए।
- जांच में वीडियोग्राफी, मोबाइल-लोकेशन जैसे आधुनिक सबूतों को ज़रूर जोड़ा जाए।
- कोर्ट जो भी आदेश दे, उसे सभी पुलिस अफसर गंभीरता से लें और मीटिंग में साझा करें।
उन्होंने कहा कि पुलिस पर कानून व्यवस्था संभालने, आपदा में राहत देने और अपराध पकड़ने जैसी कई ज़िम्मेदारियां होती हैं। लेकिन इसके बावजूद हमें हर केस की सही जांच करनी है ताकि लोगों को न्याय मिल सके।
इस अहम बैठक में डीजीपी के साथ कई वरिष्ठ अफसर जैसे एडीजी क्राइम, आईजी गढ़वाल, एसएसपी एसटीएफ और जीआरपी के अफसर मौजूद थे। सभी ने अपने सुझाव दिए और भरोसा दिलाया कि अब हर केस की जांच और भी बेहतर तरीके से होगी।