धामी कैबिनेट के 26 फैसले: अग्निवीरों को 10% आरक्षण, धर्मांतरण कानून और सख्त

देहरादून, 13 अगस्त — उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में राज्य के प्रशासन, सुरक्षा, कानून, आईटी और औद्योगिक विकास से जुड़े 26 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
अग्निवीरों को मिला 10% क्षैतिज आरक्षण
कैबिनेट के प्र asमुख निर्णयों में से एक रहा — अग्निपथ योजना के तहत सेवा देने वाले अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला।
यह आरक्षण पुलिस, गृह विभाग और वन विभाग की भर्तियों में लागू होगा।
अग्निवीरों को आयु सीमा में भी विशेष छूट दी जाएगी।
अनुमान है कि वर्ष 2026 तक करीब 850 अग्निवीर सेवा समाप्त कर राज्य में लौटेंगे, जिन्हें इस फैसले से सीधा लाभ मिलेगा।
धर्मांतरण विरोधी कानून और सख्त
सरकार ने धर्मांतरण कानून में संशोधन कर इसे और कठोर बना दिया है।
अधिकतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 14 साल, कुछ मामलों में 20 साल तक की सजा का प्रावधान।
जुर्माना ₹50,000 से बढ़ाकर ₹10 लाख कर दिया गया है।
आईटी और डिजिटल सेवाओं के लिए नई नियमावली
वर्ष 2025 के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की नई नियमावली को मंजूरी।
उद्देश्य: डिजिटल सेवाओं का विस्तार, ई-गवर्नेंस को मजबूत करना और आईटी निवेश को बढ़ावा देना।
वनीकरण और सहकारिता सुधार
वनीकरण निधि प्रबंधन नियमों में संशोधन से वन क्षेत्र के विकास कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
सहकारिता सेवा मंडल नीति को स्वीकृति, जिससे सहकारी समितियों के कार्यों में सुधार होगा।
औद्योगिक विकास
उद्योगों की स्थापना और निर्माण के लिए नई मंजूरी प्रणाली विकसित की गई, जिससे निवेशकों को प्रक्रिया में सुविधा और गति मिलेगी।
अन्य फैसले
लखवाड़ जल विद्युत परियोजना के प्रभावितों को नैनबाग के सर्किल रेट पर मुआवजा।
राजकीय औद्योगिक आस्थानों में शेड, भूखंड, आवंटन और किराया संबंधी प्रक्रियाओं में संशोधन।
उच्चतर न्यायिक सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी।
उत्तराखंड रेरा, विद्युत नियामक आयोग और जल विद्युत निगम लिमिटेड के वार्षिक प्रतिवेदनों को विधानसभा पटल पर रखने की स्वीकृति।
विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति 2025 को मंजूरी।
नगर निकाय चुनावों के लिए ओबीसी सर्वेक्षण आयोग का पुनर्गठन, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस वर्मा करेंगे।
बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति में उपाध्यक्ष का एक अतिरिक्त पद सृजित।