प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी: देहरादून के कारोबारी मिक्की अफ़ज़ल के ठिकाने पर की गई कार्रवाई
देहरादून, 4 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पर्ल्स ग्रुप चिटफंड मामले में देहरादून के प्रमुख कारोबारी मिक्की अफ़ज़ल के ठिकानों पर छापेमारी की। कैनाल रोड स्थित इस कारोबारी के निवास और कार्यालयों पर ईडी की टीम ने कई घंटे सघन तलाशी अभियान चलाया। मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिसे ईडी ने सार्वजनिक रूप से पुष्टि की है।
महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच
सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने इस छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके साथ ही, कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जांच के दायरे में आए हैं, जिन्हें आगे की जांच के लिए ईडी की टीम ने अपने कब्जे में लिया है। इन उपकरणों से जुड़े डेटा की जांच करके मनी लॉन्ड्रिंग के पूरे मामले को समझने की कोशिश की जाएगी।
पर्ल्स ग्रुप चिटफंड मामले में बड़ा खुलासा संभव
यह छापेमारी पर्ल्स ग्रुप चिटफंड मामले से जुड़ी है, जिसमें बड़ी संख्या में निवेशकों की गाढ़ी कमाई का हेरफेर करने के आरोप लगे थे। बताया जा रहा है कि देहरादून के कैनाल रोड सहित अन्य स्थानों पर भी कारोबारी के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसमें सैकड़ों करोड़ की जमीन के लेनदेन और अवैध वित्तीय गतिविधियों की जांच की जा रही है।
अन्य कारोबारी भी प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर
प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई के बाद, देहरादून में कई अन्य व्यापारियों पर भी ईडी की नजर है। खासतौर पर वे कारोबारी, जो पर्ल्स ग्रुप चिटफंड से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जांच के दायरे में आ सकते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन के अवैध लेनदेन से जुड़े कई और मामले सामने आने की संभावना है।
पर्ल्स ग्रुप चिटफंड मामला: एक नजर में
पर्ल्स ग्रुप चिटफंड मामले की शुरुआत काफी पहले हुई थी, जिसमें हजारों निवेशकों की पूंजी को अवैध रूप से ठगने के आरोप कंपनी पर लगे थे। कंपनी ने चिटफंड के जरिए लोगों से बड़ी मात्रा में पैसा इकट्ठा किया था, जिसे वापस नहीं लौटाया गया। अब इस मामले में ईडी की कार्रवाई उत्तराखंड के व्यापारियों तक पहुंच गई है, जिसमें जमीन से जुड़े कारोबारियों की भूमिका की जांच हो रही है।