इंजीनियरिंग छात्र ने बनाया ठगी का जाल, बेरोजगारों को नौकरी का लालच देकर करोड़ों की ठगी, STF ने किया गिरफ्तार
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देहरादून में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नौकरी के नाम पर देशभर के युवाओं को ठगने वाले एक इंजीनियरिंग छात्र को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी कृपाल शर्मा के रूप में हुई है, जो देहरादून के प्रेमनगर क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था। आरोपी बेरोजगार युवाओं को ऑनलाइन जॉब का झांसा देकर उनसे हजारों रुपये ऐंठता था और फिर उनके नंबर ब्लॉक कर देता था। उसके खिलाफ भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) पर विभिन्न राज्यों से 30 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं। STF अब यह पता लगाने में जुटी है कि उसने अब तक कितने लोगों से ठगी की है।
इस तरह करता था ऑनलाइन ठगी
STF के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि कुछ दिन पहले I4C पोर्टल से सूचना मिली थी कि हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ समेत कई राज्यों के युवाओं ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है। जांच में सामने आया कि आरोपी प्रेमनगर क्षेत्र के नंदा की चौकी के पास रहकर इस ठगी को अंजाम दे रहा था।
STF के एसआई विपिन बहुगुणा ने प्राथमिक जांच में पाया कि आरोपी पहले लिंक्डइन के जरिए बेरोजगार युवाओं से संपर्क करता था। फिर उन्हें अपनी फर्जी कंपनी न्यूट्रिनो लैब में ऑनलाइन जॉब का लालच देता था। जॉब के नाम पर वह युवाओं से पेन टैब खरीदने के लिए पांच से छह हजार रुपये जमा करवाता था और फिर उनके नंबर ब्लॉक कर देता था।
गिरफ्तारी और बरामदगी
STF ने जांच के बाद कृपाल शर्मा को प्रेमनगर से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन, पेन टैब, डेबिट और क्रेडिट कार्ड सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। आरोपी के दो चालू खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि ठगी की गई कुल राशि का पता लगाया जा सके। प्रेमनगर थाने में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और साइबर अपराध की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बेरोजगार युवाओं को ऐसे फंसाता था आरोपी
STF की पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह बेरोजगार युवक-युवतियों को लिंक्डइन पर संपर्क करता था और उन्हें न्यूट्रिनो डॉट इन वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए कहता था। उम्मीदवारों को भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान और अन्य विषयों का टेस्ट देना पड़ता था। परीक्षा के लिए उन्हें आरोपी की वेबसाइट से पेन टैब खरीदने के लिए कहा जाता था। ठगी को विश्वसनीय बनाने के लिए वह यह भी बताता था कि असफल उम्मीदवारों को पैसा वापस कर दिया जाएगा, लेकिन पैसे मिलने के बाद वह सभी संपर्क ब्लॉक कर देता था।
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STF अब आरोपी के बैंक खातों की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने अब तक कितने बेरोजगार युवाओं से ठगी की है और कुल कितनी रकम जुटाई है।