बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध: चमोली के उलंग्रा गांव में नई व्यवस्था लागू

बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध: चमोली के उलंग्रा गांव में नई व्यवस्था लागू

उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल के उलंग्रा गांव में अब बाहरी लोगों के प्रवेश पर कड़ी निगरानी शुरू हो गई है। रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ और टिहरी के कठूड़ व माणदा गांवों की तरह, यहां भी फेरी वालों और बाहरी मजदूरों के सत्यापन को अनिवार्य कर दिया गया है। शनिवार को ग्राम प्रधान अंशी देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बिना सत्यापन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में प्रवेश नहीं मिलेगा।

सत्यापन अनिवार्य और जुर्माना लागू

गांव के प्रवेश पर साइन बोर्ड भी लगाया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लेख किया गया है। यदि कोई व्यक्ति सत्यापन के बिना प्रवेश करता है, तो उसे 500 रुपये का जुर्माना भरना होगा। यह कदम हाल के दिनों में गांव में बढ़ती बाहरी आवाजाही और चोरी की घटनाओं के कारण उठाया गया है।

चोरी की घटनाओं के पीछे बाहरी लोगों का हाथ

बैठक में चर्चा की गई कि पिछले दिनों हुई चोरी की घटनाओं में बाहरी लोगों का हाथ था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की आवश्यकता महसूस की गई। फेरी वालों और मजदूरी के लिए आने वाले बाहरी लोगों का सत्यापन अब अनिवार्य होगा। बिना पहचान दस्तावेजों के किसी को भी गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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गांव की स्वच्छता व्यवस्था में सुधार

इसके अलावा, ग्रामीणों ने गांव की सफाई व्यवस्था को भी सुधारने का निर्णय लिया है। पशुपालकों से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाएगी कि उनके घोड़े-खच्चरों से गंदगी न फैले। नियमों का पालन न करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने पर भी सहमति बनी है।

बैठक में उप प्रधान रघुवीर सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य पान सिंह, और अन्य प्रमुख ग्रामीण जैसे पूनम देवी, महेंद्र सिंह, पुष्कर फर्स्वाण, हीरा राम, उम्मेद बोरा आदि उपस्थित थे।

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