फर्जी दस्तावेज़ों से 30 साल तक की सरकारी नौकरी, रिटायरमेंट से पहले उजागर हुआ घोटाला

रुड़की स्थित सिंचाई परिकल्प संगठन में एक कर्मचारी ने कथित रूप से फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर 30 वर्षों तक सरकारी नौकरी की। अब सेवानिवृत्ति से ठीक पहले मामला सामने आने पर विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिशासी अभियंता ने इस गंभीर प्रकरण की जांच के लिए शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर शैक्षिक प्रमाणपत्रों की सत्यता जांचने को कहा है।
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सूत्रों के अनुसार, कर्मचारी की नियुक्ति के समय कोई दस्तावेज़ सत्यापन नहीं हुआ था और उसने लगातार तीन दशकों तक नौकरी करते हुए सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया, जिसमें सरकारी आवास भी शामिल है। हाल ही में एक शिकायतकर्ता ने अधिशासी अभियंता को मामले से अवगत कराते हुए सभी दस्तावेज पेश किए, जिसके बाद जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। यदि दस्तावेज़ फर्जी पाए गए तो कर्मचारी पर सेवा के दौरान लिए गए वेतन और सुविधाओं की वसूली की कार्रवाई भी संभव है।