पिटकुल के झाझरा सब स्टेशन में लगी भीषण आग, अंधेरे में डूबा आधा शहर

पिटकुल के झाझरा सब स्टेशन में लगी भीषण आग, अंधेरे में डूबा आधा शहर

पिटकुल के झाझरा स्थित सब स्टेशन में बुधवार को दिन में अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि आसपास के लोग दहशत में आ गए। आधे शहर की बिजली गुल हो गई। देर रात तक सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र सहित कई इलाकों में आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई थी। पिटकुल के एमडी ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है।

आग को काबू पाने में पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) के हाथ पांव फूल गए। दौड़ते हुए टीम पहुंची तो पता चला कि दो ब्रेकर और बस जलने से सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र समेत आसपास के प्रेमनगर, गणेशपुर, बिधौली, पौंधा, रामपुर, शिमला बाईपास, सुद्धोवाला, झाझरा, सेलाकुई में दोपहर दो बजे से बिजली गुल हो गई।

देर रात तक कुछ जगहों पर तो आपूर्ति शुरू हुई थी लेकिन तमाम क्षेत्रों में अंधेरा छाया हुआ था। आग से उद्योगों के उत्पादन पर असर पड़ा। करीब पांच घंटे तक आपूर्ति नहीं हुई। लिंडा ऑक्सीजन प्लांट भी बंद रहा, जिसे निर्बाध आपूर्ति के लिए विशेष भूमिगत लाइन दी गई थी। हालांकि पिटकुल प्रबंधन का दावा था कि सभी जगह की आपूर्ति शुरू हो गई है।

पिटकुल एमडी पीसी ध्यानी कुमाऊं दौरा छोड़कर दून के लिए रवाना हो गए। मामले में मुख्य अभियंता एचएस ह्यांकी, अनुपम सिंह और डीपी सिंह की जांच समिति गठित की गई है। समिति 24 घंटे में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था और 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सवाल ये उठ रहा है कि जो ब्रेकर फॉल्ट आने पर लाइन ट्रिप का काम करते हैं, वह खुद ही कैसे जल गए?

उद्योगों में पांच घंटे तक बिजली नहीं

उत्तराखंड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील उनियाल ने बताया कि बिजली नहीं आने से उद्योगों में व्यापक स्तर पर उत्पादन प्रभावित हुआ है। बड़ी इकाइयों में जनरेटर की सुविधा रहती है लेकिन अधिक समय तक जनरेटर चलाने से उत्पादन की लागत बढ़ जाती है। इसके अलावा छोटी इकाइयां बिजली पर ही आधारित हैं, जिन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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