विवादों के बीच वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को नई जिम्मेदारी

उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को प्राकृतिक आपदाओं के मामले में राजस्व जुटाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) में सदस्य नामित किया गया है। उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार प्रकट किया है। जीएसटी परिषद द्वारा गठित इस सात सदस्यीय मंत्री समूह का कार्य राज्यों में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में विशेष आपदा उपकर लगाने की संवैधानिक और कानूनी जांच करना होगा।
जीओएम में कौन-कौन हुए शामिल?
इस समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल, असम की अजंता नियोग, छत्तीसगढ़ के ओपी चौधरी, गुजरात के कनुभाई देसाई, केरल के केएन बालगोपाल और पश्चिम बंगाल की चंद्रिमा भट्टाचार्य शामिल हैं। यह मंत्री समूह यह भी जांच करेगा कि क्या जीएसटी की मौजूदा संरचना में बदलाव किए बिना राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का कोई वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है।
मूल निवास-भू कानून संघर्ष समन्वय समिति ने जताई कड़ी आपत्ति
वहीं, इस नियुक्ति पर उत्तराखंड में विरोध के सुर भी उठने लगे हैं। हाल ही में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा विधानसभा में उत्तराखंड के मूल निवासियों को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के कारण उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी। मूल निवास-भू कानून संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि जिस मंत्री को जनता पद से हटाने की मांग कर रही है, उसे केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर लोगों की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। मोहित ने कहा कि भाजपा न केवल अपने विवादित मंत्रियों को संरक्षण दे रही है बल्कि उन्हें प्रमोशन भी दे रही है। वित्त मंत्री का नामांकन राज्य की जनता के साथ अन्याय है और इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।