उत्तराखंड: अस्थायी आबादी की चुनौती पर विशेष सहायता की मांग, वित्त मंत्री ने 11 मुद्दे उठाए

उत्तराखंड: अस्थायी आबादी की चुनौती पर विशेष सहायता की मांग, वित्त मंत्री ने 11 मुद्दे उठाए

उत्तराखंड ने राज्य में अस्थायी आबादी (फ्लोटिंग पॉपुलेशन) की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता की अपील की है। शुक्रवार को जैसलमेर में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित प्री-बजट कंसल्टेशन बैठक में राज्य के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह मांग रखी।

अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड की जनसंख्या की तुलना में पांच गुना अधिक अस्थायी आबादी तीर्थाटन और पर्यटन के दौरान राज्य में रहती है। उन्होंने टिकाऊ पर्यटन, साफ-सफाई, सीवरेज ट्रीटमेंट, सुरक्षित पेयजल और इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधाओं के लिए विशेष वित्तीय सहायता का अनुरोध किया।

उन्होंने केंद्र से बागेश्वर से कर्णप्रयाग और रामनगर से कर्णप्रयाग रेल लाइनों का सर्वे कराने की मांग भी की। साथ ही भूजल संरक्षण के लिए केंद्र पोषित योजना, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र, और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए दो करोड़ प्रति मेगावाट की दर से सहायता अनुदान का प्रावधान करने का आग्रह किया।

वित्त मंत्री ने रोपवे परियोजनाओं के लिए केंद्रीय योगदान को 20% से बढ़ाकर 40% करने और जल जीवन मिशन के शेष कार्यों के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि राज्य में 2500 करोड़ रुपये की सौंग बांध परियोजना का काम शुरू हो चुका है, जिसके लिए केंद्र ने 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।

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