मास्को, रायटर। रूस ने साफ कर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की आपूर्ति के लिए उसके ऊपर लगे प्रतिबंध (रोक) हटने चाहिए। प्रतिबंध हटे बगैर उसके लिए समुद्री मार्ग से गेहूं की आपूर्ति कर पाना संभव नहीं है। नाटो के सदस्य देश तुकिये ने रूस की इस शर्त का समर्थन किया है। कहा है कि रूस की यह बात कानूनी रूप से सही है। जबकि इटली ने रूस से यूक्रेन को गेहूं के निर्यात का रास्ता देने के लिए कहा है।
…मच सकता है हाहाकार
विदेश मंत्री ल्युगी डी माइयो ने कहा है कि खाद्यान्न संकट से विश्व में दसियों लाख लोग मर सकते हैं और भारी उथल-पुथल हो सकती है। विदित हो कि रूस गेहूं और खनिज उवर्रक का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। इस समय गेहूं के बड़े निर्यातक यूक्रेन की गेहूं निर्यात व्यवस्था पर भी रूस का अधिकार है। ऐसे में यदि रूस की अपेक्षा को पूरा नहीं किया गया तो दुनिया में खाद्यान्न संकट पैदा होना तय है।
पुतिन ने रखी शर्त
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आदेश जारी कर कहा है कि रूस पर पश्चिमी देशों के लगे सभी प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रतिबंध हटने चाहिए, तभी गेहूं का निर्यात शुरू किया जाए। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने दी है।
आखिर क्या चाहता है रूस
प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन युद्ध के विरोध में लगे प्रतिबंधों के कारण रूसी जहाजों के बीमा, भुगतान और यूरोपीय बंदरगाहों में ठहरने पर प्रतिबंध है। इसके चलते समुद्र में मालवाही जहाजों का आवागमन संभव नहीं है। रूस द्वारा गेहूं निर्यात में आ रही व्यावहारिक रुकावटों के बारे में संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों को बताया गया है। लेकिन कोई भी मूल कारणों पर चर्चा नहीं कर रहा।
रूस की मांग उचित
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से वार्ता के बाद तुर्किये (तुर्की) के विदेश मंत्री मेवलुत कावूसोग्लू ने प्रतिबंध हटाने की रूस की मांग को उचित बताया। रूस और यूक्रेन मिलकर दुनिया की जरूरत का करीब 33 प्रतिशत गेहूं निर्यात करते हैं। रूस उवर्रक का भी सबसे बड़ा निर्यातक है। जबकि यूक्रेन बड़ी मात्रा में मक्का और सूरजमुखी तेल का भी निर्यात करता है।
प्रमुख बंदरगाहों पर रूसी सेना का कब्जा
यूक्रेन के सभी प्रमुख बंदरगाहों पर रूसी सेना का कब्जा है। काला सागर में रूसी नौसेना ने नाकाबंदी कर रखी है। इसके चलते वहां से जहाजों का आवागमन बंद है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यूक्रेन दुनिया में गेहूं का पांचवां सबसे बड़ा निर्यातक है। वह दुनिया की जरूरत का दस प्रतिशत गेहूं निर्यात करता है।