उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा पर सख्त एसओपी जारी, दोषियों पर 25 हजार से 1 लाख तक जुर्माना

उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा पर सख्त एसओपी जारी, दोषियों पर 25 हजार से 1 लाख तक जुर्माना

उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कड़ा रुख अपनाया है। इन घटनाओं के मद्देनजर राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। सीएम धामी ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिससे खाद्य सुरक्षा और साफ-सफाई के मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।

कड़ी गाइडलाइन और जुर्माने का प्रावधान

स्वास्थ्य सचिव और खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार द्वारा विस्तृत एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की गई है। इसके तहत दोषियों पर 25,000 से 1,00,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में कई क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों में गंदगी और मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 का उल्लंघन हैं।

स्वच्छता और सुरक्षा के सख्त निर्देश

  • फोटोयुक्त पहचान पत्र: सभी खाद्य कारोबारियों को अपने कर्मचारियों को फोटोयुक्त पहचान पत्र अनिवार्य रूप से पहनाना होगा, और इसे कार्यस्थल पर प्रदर्शित करना सुनिश्चित करना होगा।
  • सीसीटीवी कैमरे: ढाबे, होटल, और रेस्टोरेंट संचालकों को अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, जिससे निगरानी बढ़ाई जा सके।
  • मीट की जानकारी: मीट कारोबारियों को अनिवार्य रूप से यह लिखना होगा कि उनके यहां उपलब्ध मीट हलाल है या झटका।
  • स्वच्छता नियम: भोजन बनाने और परोसने वाले सभी कर्मचारियों को फेस मास्क, ग्लव्स, और हेड गियर पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, धूम्रपान और थूकने जैसी गंदी आदतों पर सख्त प्रतिबंध होगा।

संक्रामक रोगियों की नियुक्ति पर प्रतिबंध

खाद्य पदार्थों की सुरक्षा के दृष्टिगत, एसओपी में यह भी प्रावधान है कि संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को भोजन बनाने, संग्रहण, या वितरण में नहीं लगाया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों के लिए चिकित्सीय प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना भी अनिवार्य होगा। त्योहारी सीजन के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि सुरक्षा और शुद्धता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि त्योहारी सीजन में किसी भी प्रकार की अशुद्धता या असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एसओपी के अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश:

  1. स्वच्छता पर सख्ती: राज्य में सभी खाद्य कारोबारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रतिष्ठानों में खाद्य निर्माण, परोसने और विक्रय करने वाले कर्मचारी थूकने या अन्य किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाने से परहेज करें। ऐसा न करने पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत 25,000 से 1,00,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
  2. लाइसेंस और पंजीकरण अनिवार्य: सभी खाद्य कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस लेना और उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के कार्य कर रहे खाद्य कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  3. सीसीटीवी कैमरे की अनिवार्यता: सभी होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट, और अन्य खाद्य प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि खाद्य पदार्थों की स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  4. मीट कारोबारियों के लिए दिशानिर्देश: सभी मीट विक्रेताओं और होटल संचालकों को अनिवार्य रूप से यह बताना होगा कि उनके प्रतिष्ठानों में उपलब्ध मीट हलाल है या झटका। यह जानकारी स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जानी चाहिए।
  5. दैनिक रिकॉर्ड की अनिवार्यता: खाद्य कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठानों में उत्पादित खाद्य पदार्थ, कच्चे माल का उपयोग और विक्रय का अलग-अलग दैनिक रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। इससे खाद्य सुरक्षा के मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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कार्रवाई के लिए विशेष दल तैनात:

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित विशेष टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं और संदिग्ध खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस विस्तृत गाइडलाइन के साथ राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। त्योहारों के दौरान स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाए गए हैं ताकि आम जनता को सुरक्षित और शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा सकें।

दूसरी तरफ राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने इस संबंध में सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को भी अलर्ट रहना चाहिए और ऐसी घटनाओं में तुरंत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए। मसूरी में हाल ही में सामने आए एक मामले में देहरादून पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

निर्देश और सख्त कदम:

  • सत्यापन अनिवार्य: होटल, ढाबा और रेहड़ी संचालकों को अपने सभी कर्मचारियों और कारीगरों का शत प्रतिशत सत्यापन कराना होगा।
  • सीसीटीवी कैमरे: रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए संचालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं पर निगरानी रखी जा सके।
  • गश्त और पेट्रोलिंग: पुलिस गश्त और पेट्रोलिंग के दौरान भी इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखेगी।
  • समन्वित चेकिंग: समय-समय पर पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग मिलकर होटल और ढाबों की चेकिंग करेंगे।
  • कानूनी कार्रवाई: ऐसे मामलों में पुलिस एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 274 (खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अगर मामलों में सांप्रदायिक टकराव की संभावना हो, तो बीएनएस 196(1) (सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कृत्य) या बीएनएस 299 (धार्मिक विश्वास का अपमान) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
  • जागरूकता अभियान: पुलिस, स्थानीय निकाय और खाद्य सुरक्षा विभाग मिलकर जागरूकता अभियान चलाएंगे, जिससे लोग इस तरह की घटनाओं के प्रति सजग हो सकें।

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