पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मौजूदा हालात पर चिंता जताई

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मौजूदा हालात पर चिंता जताई

मध्य प्रदेश में एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे कराकर भाजपा में कराए जा रहे प्रवेश को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मेरी चिंता सिर्फ प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरने तक सीमित नहीं है, बल्कि आज देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में भूचाल आया हुआ है। ऐसी आशंका है कि इसका केंद्र बिंदु केंद्र में निहित है। मुझे उम्मीद है कि मेरी यह आशंका निराधार साबित होगी और आप लोकतंत्र की साख को बचाने के लिए आगे आएंगे। ऐसे अवसरवादी नेताओं को सरकार और दल में कोई स्थान नहीं देंगे, जिन पर प्रजातांत्रिक मूल्यों का सौदा करने का आरोप है। प्रदेश में विपक्ष के विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफे कराकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है।

मप्र में विधायकों को प्रलोभन देकर इस्तीफे करा रही है भाजपा

पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि संघीय व्यवस्था के कारण भारत की विश्व में अलग पहचान है, लेकिन पिछले कुछ समय से इस व्यवस्था पर प्रहार किया जा रहा है। जिन राज्यों में केंद्र सरकार से प्रतिपक्षीय सरकारें हैं। उन्हें अनैतिक तरीके से गिराया जा रहा है। मध्य प्रदेश की निर्वाचित सरकार को गिराना भारत के प्रजातांत्रिक इतिहास का सबसे घृणित काम है। यह सोचकर भी दिल दहल जाता है कि जब एक ओर पूरा समाज कोरोना महामारी से लड़ रहा था, तब भाजपा के वरिष्ठ नेता मध्य प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सहित कई मंत्रियों और विधायकों को लेकर सरकार गिराने के लिए बेंगलुरू चले गए थे।

सरकार गिराने के लिए 24 मार्च के पहले देश में लॉकडाउन लागू नहीं करने का आरोप लगाया 

जन चर्चा यह है कि प्रदेश के कई मतलबी और प्रलोभी नेताओं ने कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए 24 मार्च के पहले देश में लॉकडाउन लागू नहीं होने दिया। आज भी प्रतिपक्षीय विधायकों को प्रलोभित कर उनके इस्तीफे कराकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है। इसके माध्यम से प्रदेश की जनता पर उपचुनावों का बोझ डाला जा रहा है। इस पत्र पर भाजपा नेता डॉ. हितेष वाजयेपी ने कहा कि कमल नाथ का देश के प्रधानमंत्री को लिखा पत्र कांग्रेस संभालने में राहुल गांधी की अक्षमता की स्वीकार्यता है। अब वे निराश और हताश हो चुके हैं। इशारों-इशारों में उन्होंने लोकतंत्र में गांधी परिवार के अंतिम समय की घोषणा कर दी है। अब वे थक गए हैं, यह भी बता दिया है।

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