देहरादून, देवप्रयाग के नजदीक और टिहरी में शराब के बॉटलिंग प्लांट को मंजूरी दिए जाने के फैसले के खिलाफ वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भी उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए शराब बनाया जाना उत्तराखंड के लिए आत्महत्या जैसी बात है।
देवप्रयाग से करीब 36 किलोमीटर दूर शराब के बॉटलिंग प्लांट को मंजूरी दी गई और वहां बॉटलिंग शुरू भी हो गई है। इसके अलावा टिहरी में भी एक कंपनी को बॉटलिंग प्लांट की अनुमति दी गई है।
हालांकि, ये फैसले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए थे, लेकिन धरातल पर अब उतर रहे हैं। शराब के बॉटलिंग प्लांट को लेकर इन दिनों राज्य में सियासत गर्माई हुई है। प्रदेश में सत्तासीन भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस मसले पर एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं।
वहीं, अब वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भी शराब के बॉटलिंग प्लांट के विरोध में उतर आए हैं। दिल्ली में जारी वक्तव्य में पूर्व मुख्यमंत्री खंडूड़ी ने कहा कि शराब से पहाड़ के जनमानस का नुकसान हो और वहां के लोग जमीन जायदाद बेचकर शराब पिएं, इसके वे सख्त खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी, उसे यह अधिकार कतई नहीं कि वह उत्तराखंड के मूलस्वरूप एवं देवभूमि के खिलाफ जाने का काम करे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब को सुविधा के रूप में रखा जाना चाहिए न कि आय कमाने के रूप में। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए शराब बनाया जाना गलत है और उत्तराखंड के लिए तो यह आत्महत्या जैसी बात है।
हरदा के विरोध को समझ रही जनता
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेवा का अधिकार आयोग के भवन के उद्घाटन के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बॉटलिंग प्लांट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को आड़े हाथ लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो ये लाइसेंस हमने नहीं दिए। देवप्रयाग को लेकर गलत ढंग से प्रचारित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बॉटलिंग प्लांट देवप्रयाग से 40 किमी और राष्ट्रीय राजमार्ग से 10 किमी अंदर है। उन्होंने कहा कि इसका जो विरोध किया गया, वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया और उनके कार्यकाल में ही ये लाइसेंस दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हरीश रावत क्यों विरोध कर रहे हैं, जनता इसे समझ रही है।