देहरादून में ‘फ्रॉम बेगिंग टू एजुकेशन’ मिशन से बदली 82 बच्चों की ज़िंदगी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से देहरादून जिला प्रशासन ने सड़क पर भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए ‘फ्रॉम बेगिंग टू एजुकेशन’ नाम की पहल शुरू की है। इस अभियान के तहत बच्चों को भीख से मुक्त कर शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है।
अब तक दो चरणों में 82 बच्चों को भीख मांगने से मुक्त कर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। पहले चरण में 51 और दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड व साधु राम इंटर कॉलेज में प्रवेश दिया गया।
बच्चों के संपूर्ण पुनर्वास और गतिविधि-आधारित सीखने के लिए देहरादून स्थित साधु राम इंटर कॉलेज में 1.5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर विकसित किया जा रहा है, जहां संगीत, योग और खेल जैसी गतिविधियाँ कराई जाएंगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने जिला बाल कल्याण व संरक्षण समिति की बैठक में आधार अपडेट, स्वास्थ्य परीक्षण और चाइल्ड केयर होम्स में तैनात स्टाफ की रैंडम पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही 10 दिनों के भीतर सभी संस्थानों में विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने का आदेश दिया।
भीख मांगने वाले बच्चों की पहचान और बचाव के लिए पुलिस, शिक्षा, श्रम विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और विभिन्न एनजीओ को शामिल कर एक संयुक्त टीम तैनात की गई है।
पिछले तीन महीनों (जुलाई–सितंबर 2025) में 136 बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया और 138 बच्चों का पुनर्वास किया गया। इनमें से 70 बच्चे भीख मांगने, 14 बाल श्रम में शामिल थे और 6 को उनके परिवारों के साथ उनके मूल राज्यों में भेजा गया।
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जिलाधिकारी ने मिशन वात्सल्य के तहत वार्ड और गांव स्तर पर चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटियों को सक्रिय करने और अनटाइड फंड का 5% बाल संरक्षण व कल्याण पर खर्च करने के निर्देश भी दिए।



