फुरकान की शातिर चालें: किराये के मकान से पुलिस को चकमा

काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में घायल फुरकान अपराध की दुनिया में काफी ऊंचाइयों तक पहुंच चुका था। वह पुलिस से बचने और गुमराह करने के कई तरीके सीख चुका था। वारदात के दौरान आहट न हो, इसके लिए वह अपने साथियों के साथ नंगे पैर वारदातों को अंजाम देता था। इसके अलावा, वह अलग-अलग नंबरों के जूते पहनता और लंगड़ाने का नाटक करता था, जिससे पुलिस को गुमराह किया जा सके।
मुरादाबाद के थाना भगतपुर क्षेत्र के ग्राम पतियानगला निवासी फुरकान ने वर्ष 2014 में डकैती से अपराध की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद वह लगातार अपराध करता रहा और पुलिस की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ गया। पुलिस के अनुसार, उसका पैर सात नंबर के जूते में आता था, लेकिन वारदात के दौरान वह एक पैर में सात और दूसरे में आठ नंबर का जूता पहनता था। इसके अलावा, वह हाथ में लाठी रखकर लंगड़ाने का नाटक करता था, ताकि सीसीटीवी कैमरों में लंगड़ा गिरोह का सदस्य लगे।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के अनुसार, फुरकान यूपी में एक लूट की वारदात में जूते की वजह से पकड़ा गया था, जिसके बाद उसने अलग-अलग नंबर के जूते पहनने की तरकीब अपनाई। वह रेकी के दौरान और वारदात के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था और गली-मोहल्लों में लगे सीसीटीवी कैमरों से बचने की पूरी कोशिश करता था। वारदात के लिए वह नदी किनारे के स्थानों को चुनता था ताकि पदचिह्न न बनें और पुलिस को सुराग न मिले।
फुरकान अपराध को पेशे के रूप में अपनाए हुए था। उसने कई छोटे-छोटे गिरोह बनाए थे, ताकि चार से अधिक की संख्या न हो और डकैती की गंभीर धाराएं उस पर न लगें। वह हर एक से दो महीने में किराये का मकान बदल देता था, जिससे पुलिस उसकी पहचान न कर सके। वह राजमिस्त्री और ड्राइवरी के काम की आड़ में मकानों की रेकी करता और इलाके के सीसीटीवी कैमरों को चिह्नित कर लेता था।
फुरकान उत्तर प्रदेश के कई थानों का वांटेड अपराधी है। वह बार-बार ठिकाने बदलकर पुलिस से बचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते आखिरकार पकड़ा गया।