उद्यान घोटाला – मानकों को ताक पर रखकर दिया लाइसेंस, नियमों को दिखाया ठेंगा
उद्यान विभाग के अधिकारियों ने मानकों को ताक पर रख कर अनिका ट्रेडर्स को पौधशाला का लाइसेंस जारी किया और अगले दिन कंपनी को सेब का पौध सप्लाई करने का ऑर्डर दिया। कंपनी के पास न पौध उपलब्ध थे और न ही नर्सरी लाइसेंस के लिए मानक पूरी करती थी। जांच रिपोर्ट में घोटाले का खुलासा होने पर 12 जून 2023 को तत्कालीन उद्यान निदेशक डॉ. एचएस बवेजा को निलंबित कर प्रदेश सरकार ने चार्जशीट सौंपी थी। प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की ओर से हर साल किसानों को फलदार पौधे वितरित किए जाते हैं। 2022 में विभागीय अधिकारियों ने अनिका ट्रेडर्स कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को ठेंगा दिखाया।
पौध सप्लाई का ऑर्डर दिया गया
विवाद उठने पर शासन ने जांच के आदेश दिए। जिसमें खुलासा हुआ कि अक्तूबर 2022 में अनिका ट्रेडर्स अस्तित्व में नहीं थी। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख कर कंपनी को पांच जनवरी 2023 को नर्सरी का लाइसेंस जारी कर दिया।
नर्सरी के लिए 0.50 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। जबकि कंपनी के पास अनुबंध की 0.444 हेक्टेयर जमीन ही थी। लाइसेंस जारी करने से पहले विभागीय अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण भी नहीं किया।लाइसेंस जारी करने के बाद कंपनी को उत्तरकाशी, नैनीताल, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा जिले में 1.5 लाख पौधे सप्लाई करने का ऑर्डर दिया। सेब मिशन के तहत उत्तरकाशी में एक ही गांव के आठ किसानों को नियमों के विपरीत लाभ पहुंचाया गया। जिलाधिकारी उत्तरकाशी की जांच के बाद 17 जनवरी 2023 को विभाग ने कंपनी का सप्लाई ऑर्डर निरस्त किया। वहीं, 24 जनवरी 2023 को चमोली जिले में पौध सप्लाई का ऑर्डर दिया गया।