गहलोत सरकार ने परेशान हाथी पालकों की आर्थिक मदद करने का लिया निर्णय
जयपुर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प होने का असर हाथी पालकों को भी हो रहा है। जयपुर में हाथी की सवारी पर्यटकोें में काफी लोकप्रिय रहती है। पिछले कुछ समय से हाथी की सवारी बंद होने के कारण इनके पालकों व महावतों की गंभीर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने हाथियों के भरण-पोषण के लिए 1500 रूपए प्रतिदिन की दर से पालकों को देने का निर्णय लिया गया है। यह सहायता राशि 17 अप्रैल से 31 मई, 2021 की अवधि के लिए ही देय होगी।
यह आर्थिक मदद मुख्यमंत्री सहायता कोष से की गई है। सभी हाथी पालकों के लिए यह रकम हाथी कल्याण संस्थान के खाते में हस्तांतरित की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि पिछले साल भी कोरोना के दौरान हाथी पालक परिवारों के समक्ष उत्पन्न हुए आर्थिक संकट को देखते हुए मार्च से लेकर दिसंबर, 2020 की अवधि के लिए हाथी कल्याण संस्थान को 4.21 करोड़ की सहायता राशि आवंटित की गई थी।
गहलोत ने कहा, लाॅकडाउन और पर्यटन गतिविधियों पर प्रतिबंध के कारण हाथी पालकों की आजीविका प्रभावित होने के कारण सरकार ने आर्थिक मदद करने का निर्णय लिया है। इस मदद से हाथी पालक परिवारों को संबल मिलेगा। उल्लेखनीय है कि जयपुर में हाथी गांव बसा हुआ हैं। यहां रह रहे महावतों के पास कुल 103 हाथी हैं । ये हाथी पर्यटकों में आमेर महल की सवारी कराने के साथ ही शादियों में काम आते हैं।