मदरसों में बच्चियां सुरक्षित नहीं, होना पड़ेगा जागरूक – उपाध्यक्ष, उत्तराखंड महिला आयोग
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने ग्राम मलसी के मदरसे में बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न और तस्लीम जहां के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या के मामले पर कड़ी निंदा जताई। उन्होंने कहा कि मदरसे जैसी जगहों पर बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं और ऐसे में समाज को जागरूक होने की जरूरत है। कुसुम कंडवाल ऊधमसिंह नगर के दो दिवसीय दौरे पर थीं, जहां उन्होंने इन घटनाओं की गहराई से जांच कराई और स्थानीय अधिकारियों से बातचीत की।
उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं और इनकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर जागरूकता फैलानी होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को इस दिशा में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। तस्लीम जहां के मामले में, उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और घटना की विस्तार से जानकारी ली। इसके अलावा, उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से जिले में हो रही घटनाओं के बारे में चर्चा की। कुसुम कंडवाल ने कहा कि महिला आयोग इस मामले में पूरी तरह सतर्क है और किसी भी घटना का तत्काल संज्ञान लेगा।
इसे भी पढें – देहरादून में “स्कूल्स ऑफ़ टुमॉरो कॉन्क्लेव 2024” का आयोजन, भविष्य की शिक्षा पर जोर
महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि जिले के सभी मदरसों की जांच कराई जाए और जहां भी ऐसी घटनाएं हो रही हों, वहां सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, उन्होंने उन सभी लोगों का सत्यापन कराने पर जोर दिया जो इन क्षेत्रों में रह रहे हैं, ताकि असामाजिक तत्वों को समाज में प्रवेश न मिल सके। दिनेशपुर राजकीय इंटर कॉलेज में छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में भी उन्होंने एसएसपी से पूछताछ की और आरोपित की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
दूसरी ओर बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने जांच में कुछ प्रमुख बिंदुओं को शामिल करने का निर्देश दिया है। मसलन, उनमें बालक और बालिकाओं की संख्या कितनी है, उनकी मानसिक शारीरिक और भौतिक स्थितियां कैसी हैं, वे किसी राज्य के निवासी हैं। इसके अलावा उनके मदरसे, बाल गृह और अन्य संस्थानों में रहने की वजह भी पता होनी चाहिए। जांच रिपोर्ट में मदरसे, बाल गृह और शिक्षण संस्थानों के स्वामित्व की पूरी पृष्ठभूमि और विवरण भी शामिल होगा।