उत्तरप्रदेश के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में धांधली, सरकार करेगी 10% शादियों की जांच
उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत हुई शादियों में धांधली का मामला सामने आने के बाद, प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में 10 प्रतिशत शादियों की जांच कराने का फैसला किया है। इस जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस योजना के तहत हुए विवाहों के आवेदक पात्र हैं या नहीं। समाज कल्याण विभाग इस कार्य को अंजाम देगा।
सुलतानपुर में मिली धांधली के बाद आदेश जारी
यह फैसला तब लिया गया जब सुलतानपुर जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत पहले से शादीशुदा महिलाओं के विवाह कराने का मामला उजागर हुआ। इस घटना के बाद समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने सभी जिलों में आकस्मिक परीक्षण का निर्देश दिया।
शादीशुदा महिलाओं को योजना का लाभ
सोमवार को मंत्री के आदेश पर अयोध्या मंडल के उपनिदेशक राकेश रमण ने सुलतानपुर जिले में पिछले महीने हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम की जांच की। जांच में पता चला कि कई महिलाओं को, जो पहले से ही शादीशुदा थीं, योजना का लाभ दिया गया है। इन महिलाओं ने बताया कि उनके पति दिल्ली में काम करते हैं, फिर भी उन्हें इस योजना के तहत विवाह कराया गया।
जांच अधिकारी ने इस संबंध में सुलतानपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी का बयान भी दर्ज किया है। इसके बाद शासन स्तर पर इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के लिए समिति का गठन किया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कड़े कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश भर में होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में से 10 प्रतिशत का आकस्मिक परीक्षण किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की संभावना को खत्म किया जा सके। सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि योजनाओं का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों तक ही पहुंचे और यह कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ हो।
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