स्थाई राजधानी गैरसैंण मार्च निकाल कर किया प्रदर्शन
देहरादून 13 फरवरी 2019| आज संघर्ष स्थल पर धरना के 150 वां दिवस पूरे होने के अवसर पर *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के बैनर तले विभिन्न संगठनों के प्रबुद्ध नागरिक गण व नेताओं ने गैरसैंण राजधानी बनाने की मांग को लेकर नेहरू कॉलोनी स्थित फव्वारा चौक से विधानसभा तक *स्थाई राजधानी गैरसैंण मार्च* निकाला| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के आज के मार्च के द्वारा भारत के राष्ट्रपति व प्रदेश के राज्यपाल और लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत व्यवस्था के केंद्र में बैठे अंतिम आदमी के नाम खुला ज्ञापन पत्र दिया गया| इस ज्ञापन पत्र में कहा गया है कि गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने सौ दिवस के पूर्ण होने पर भारत के केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार के समस्त शीर्षस्थ संवैधानिक संस्थाओं को गैरसैंण राजधानी बनाने को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया था| आज पुनः अपनी उसी मांग को दोहराते हुए गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के ज्ञापन में बताया कि आज 150 दिन पूरे होने पर संघर्ष स्थल पर दिखा है कि उत्तराखंड के बेरोजगार ‘समूह ग’ के लिए लड़ रहे हैं और नौकरी की बाट जोह रहे हैं| ज्ञापन में राष्ट्र रक्षा के लिए तैयार गुरिल्लाओं के संघर्ष को याद कर कहा गया है कि पिछले 18 साल से वह भी संघर्ष स्थल पर जमे हुए हैं| आज के ज्ञापन में बीएड प्रशिक्षित, योग प्रशिक्षित, बीपीएड प्रशिक्षित, बी फार्मा प्रशिक्षित, ग्राम प्रहरी, पैरामेडिक्स,, पैरा वैटरनरी, आंगनवाड़ी कार्यकत्री आदि के चल रहे संघर्ष पर रोशनी डाली गई है| व यह सब अपने रोजगार हितों के लिए लगातार संघर्ष स्थल पर यह लोग एड़िया रगड़ रहे हैं| आज के ज्ञापन में उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (यूसैक) के युवक-युवतियों के संघर्ष को ज्ञापन में उठाया गया है| ज्ञापन के माध्यम से उन शिक्षा प्रेरकों जोकि मात्र रुपया 2,,100/- के मानदेय पर कार्यरत थे वह भी पिछले 2 वर्ष से अपने लंबित मानदेय के लिए लड़ रहे हैं, जूझ रहे हैं| ज्ञापन में कहा गया है कि जब विधायकों, मंत्रियों, नौकरशाहों व दायित्व धारियों के वेतनों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, तो प्रदेश के पाँच लाख कर्मचारी भी कह रहे हैं कि हमारे लिए बजट का रोना क्यूं अलापा जा रहा है, और वह भी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर सामूहिक अवकाश लेकर लड़ने लगे हैं| ज्ञापन में कहा गया है उत्तराखंड राज्य निर्माण के आंदोलनकारी भी व्यथित हैं, कि उनके क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्थाएं व परिवहन व्यवस्था आदि को किनारे लगा दिया गया है| इस ज्ञापन में शराब से राजस्व अर्जन को अभिशाप के रूप में दिखाते हुए जहरीली शराब से हुई दर्जनों के कारण प्रदेश की छवि धूमिल होने को उठाया गया है| ज्ञापन में स्मार्ट सिटी के बदले व एअरलिफ्ट पार्किंग/ बेसमेंट पार्किंग आदि के बदले खुली सड़क पर ही पार्किंग की व्यवस्था को अवैध, वह उगाही का खेल बताया गया है| इस ज्ञापन में 21वीं सदी के राज्य में स्थाई राजधानी में जिला अस्पताल का ना होना व उससे जच्चा-बच्चा की मौत को ज्ञापन में कथन किया गया है| ज्ञापन में कथन है कि ना तो केंद्र में लोकपाल नियुक्त होता है ना ही प्रदेश में लोकायुक्त, जो जाहिर करता है कि भ्रष्टाचार की करतूतें सबको डरा रही हैं| और ऐसी कहानियों का अंत नहीं है जिसको गैरसैंण आंदोलन के 150 दिनों में न देखा गया हो| ज्ञापन में कथन किया गया है की प्रदेश की नीति में बड़े सुधार की शुरुआत के लिए प्रदेश की राजधानी गैरसैंण में निर्मित करना बेहद आवश्यक हो गया है| प्रदेश के अकेले 03 जनपदों देहरादून, हरिद्वार व उधमसिंह नगर पर ही आर्थिक व विकास का दबाव नहीं डाला जा सकता है| इसलिए आवश्यक है कि गैरसैंण ही प्रदेश की राजधानी बने| इससे प्रदेश के अन्य 10 जनपदों में उपलब्ध अपार विकास की संभावनाओं की सोच को उखेरा जा सकता है और यह कठिन नहीं है कि हिमालय संसाधनों का उपयोग हिमालय आर्थिकी के सोच के अनुरूप निर्मित कर आगे विकास पथ पर बढा जाए| और प्रत्येक उत्तरीाखंड के नागरिक को उसे पूर्ण रूप में मिल सके| इसकी शुरुआत राज्य व्यवस्था संचालन विकेंद्रित करने से संभव होगी, ना कि देहरादून में बैठकर| ज्ञापन में उम्मीद जताई गई है कि जब देश के प्रधान मंत्री उत्तराखंड में आएंगे तो वह अपने उद्बोधन में प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने की घोषणा करेंगे| ज्ञापन में अंत में नागरिकों को विश्वास दिलाया गया है *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान*, गैरसैंण राजधानी के लिए डटी रहेगी व लड़ती रहेगी| स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने पर हो रही हीला हवाली को चुनौती के तौर पर लेते हुए ज्ञापन में कथन किया गया है 2022 में विधानसभा में गैरसैंण समर्थकों को पहुंचाकर ऐसी नीति बनाएंगे कि शपथ ग्रहण से लेकर समूची व्यवस्था है गैरसैंण से ही संचालित होंगी| ज्ञापन में 2019 में मतदान को गैरसैंण के पक्ष में लोकतांत्रिक अस्त्र के रूप में प्रयोग करने की बात उठाई गई है| आज के धरना कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के प्रमुख नागरिक गण उपस्थित रहे जिनमें *अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष श्री रोशन धस्माना, आरटीआई लोक सेवा के अध्यक्ष व प्रमुख रणनीतिकार श्री मनोज ध्यानी, मदन सिंह भंडारी, यशवीर आर्य, उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका श्रीमती कमला पंत व जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला बिष्ट, कु सुमन नेगी, श्रीमती शकंतला खंतवाल, मु0सं श्री लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, इं आनंद प्रकाश जुयाल, विजय सिंह रावत, नमन चंदोला, युवा आह्वान के अध्यक्ष प्रकाश गौड़, अंकित बिष्ट व प्रशांत बडोनी, सौरभ रावल, लुशून टोडरिया, डीएवी महाविद्दालय के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष जबर सिंह पावेल, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, केन्द्रीय महसचिव रामलाल खंडूरी, पूर्व पार्षद रविन्द्र प्रधान, आंदोलनकारी विशम्बर दत्त बौंठियाल, सोहन सिंह रावत, कृष्णकांत कुनियाल, सुरेश नेगी, आचिन बहुगुणा, मनोज कुमार बडोला, ललित भद्री, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेन्द्र शाह, सीताराम नौटियाल, नवीन बरमोला, प्रवीण शाह, नागेन्द्र बिष्ट, कमल काँत, सुभाष रतूड़ी, डीपीएस रावत, किशन सिंह राणा* आदि मार्च में सम्मिलित हुए| विधानसभा के समक्ष पहुंचकर आंदोलनकारियों ने वहीं बैठकर धरना दिया और एक सभा भी आयोजित की जिसे श्री आनंद प्रकाश जुयाल, श्री पीसी थपलियाल, श्री रोशन धस्माना, श्रीमती कमला पंत, श्री जबर सिंह पावेल ने संबोधित किया| सभा के अंत में *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* द्वारा सौंपे गए ज्ञापन को *श्री मनोज ध्यानी* द्वारा पढा गया, जिसे *एसडीएम सदर श्री लक्ष्मण सिंह चौहान जी* ने प्राप्त किया| श्री चौहान ने आश्वस्त किया कि ज्ञापन को मा0 राष्ट्रपति जी व मा0 राज्पाल जी को विधिवत पहुंचाया जाएगा|