उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के लिए दिव्यांग छात्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए

उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के लिए दिव्यांग छात्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए

उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा के लिए दिव्यांग छात्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। दिव्यांगता संबंधी प्रमाण पत्र सीएमओ द्वारा जारी किया जाना अनिवार्य किया गया है। प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही छात्रों को परीक्षा कक्ष में छूट प्रदान की जाएगी। उसे लिखने में मदद के लिए एक सहायक भी उपलब्ध कराया जाएगा।

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा 28 मार्च से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। परीक्षा में सामान्य छात्रों के अलावा कई दिव्यांग छात्र भी बैठेंगे। इन छात्रों को अपने दिव्यांगता का प्रमाण पत्र परीक्षा कक्ष में प्रस्तुत करना होगा। परिषद द्वारा ऐसे दिव्यांग छात्रों की सूची परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों को सौंप दी है। सीएमओ से दिव्यांगता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर उन्हें परिषद की ओर से छूट मिलेगी।

परिषद के अधिकारियों के मुताबिक दिव्यांग छात्र को लिखने के लिए दो कक्षा नीचे का बच्चा मदद के लिए दिया जाएगा। ऐसे छात्र को भूतल में ही बैठाया जाएगा। प्रत्येक घंटे में 20 मिनट अतिरिक्त यानी तीन की चार जगह तीन घंटे 20 मिनट का समय परीक्षा के लिए दिया जाएगा। दिव्यांग बच्चे को अलग कमरे में बैठाया जाएगा। केंद्र व्यवस्थापक उसके बैठने के लिए अलग कमरे की व्यवस्था करेगा।

दिव्यांग को सुविधाजनक परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा। दिव्यांग की लिखने में मदद करने वाले बच्चे का आवेदन पत्र केंद्र व्यवस्थापक को प्रस्तुत किया जाएगा। चयन होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमोदन होने पर यह आवेदन पत्र परीक्षा समाप्त होने पर परिषद कार्यालय को भेजा जाएगा।

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