हनोल मंदिर में राजकीय मेला जागड़ा का शुभारंभ, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी
देहरादून के विकासनगर स्थित सीमांत तहसील क्षेत्र में प्रसिद्ध हनोल मंदिर में राजकीय मेला जागड़ा का शुभारंभ हो गया है। मंदिर में रात्रि जागरण (रात लगाने) के लिए जौनसार बावर, सीमांत हिमाचल प्रदेश, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, और देहरादून से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु भगवान महाशीर के दर्शन के लिए मंदिर परिसर में एकत्र हो रहे हैं। महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर पहुंचकर दर्शन किए। मेले में श्रद्धालुओं की संख्या रात तक और बढ़ने की संभावना है।
120 करोड़ की लागत से हनोल मंदिर का होगा विकास
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मेले का उद्घाटन किया और हनोल मंदिर को 120 करोड़ रुपये के मास्टर प्लान के तहत विकसित करने की घोषणा की। महाराज ने कहा कि इस विकास कार्य से क्षेत्रीय ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और होटल उद्योग भी बड़े पैमाने पर यहां आने वाला है। उन्होंने मेले के लाइव टेलीकास्ट की भी प्रशंसा की, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
महाभारत सर्किट में शामिल होगा लाखामंडल
सतपाल महाराज ने बताया कि जौनसार बावर भी महाभारत की ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। यहां लाक्षागृह के रूप में लाखामंडल का उल्लेख मिलता है, जिसे भी महाभारत सर्किट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने पहाड़ों तक रेल पहुंचाने की अपनी पूर्व योजना का जिक्र करते हुए कहा कि आज ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन से पहाड़ तक रेल की सुविधा हो रही है, जिससे क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुल रही हैं।
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स्थानीय व्यंजनों और आतिथ्य सत्कार को बढ़ावा
सतपाल महाराज ने पहाड़ के पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि झंगोरे की खीर को शाही भोजन के रूप में पहचान मिल रही है, और मंडुआ, जिसे पहले काला अनाज कहकर नकारा जाता था, अब घर-घर में खाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन और आतिथ्य सत्कार को बढ़ावा देना हमारी संस्कृति और पहचान का हिस्सा है, और हमें इसे आगे बढ़ाने के लिए मिल रहे मौकों का लाभ उठाना चाहिए।