स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षण – कोरोनेशन की लैब में लगा मिला ताला, मरीज बोले-देरी से आती है रिपोर्ट

स्वास्थ्य सचिव का निरीक्षण – कोरोनेशन की लैब में लगा मिला ताला, मरीज बोले-देरी से आती है रिपोर्ट

डेंगू मरीजों के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने कोरोनेशन अस्पताल और गांधी शताब्दी अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान गांधी शताब्दी अस्पताल में धूल ही धूल नजर आई, वहीं कोरोनेशन की लैब बंद मिली। जिसे देखकर स्वास्थ्य सचिव भड़क गए और स्टाफ को जमकर फटकार लगाई।

उन्होंने कोरोनेशन अस्पताल प्रबंधन को लैब 24 घंटे खोलने और डेंगू मरीजों के लिए 25 बेड बढ़ाने के निर्देश दिए। अभी यहां 72 बेड हैं, जिसमें से 66 पर मरीज भर्ती हैं। वहीं उन्होंने गांधी शताब्दी अस्पताल में डेंगू मरीजों को भर्ती करने के लिए भी कहा।

डॉ. आर राजेश ने कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती डेंगू पीड़ित मरीजों से मुलाकत कर उनका हालचाल जाना। मरीजों ने बताया एक दिन पहले उनका सैंपल लिया था, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं आई। नियमित जांच के अलावा डेंगू की एलाइजा रिपोर्ट भी समय पर नहीं आ पा रही है। जिसके कारण बीमारी का सही कारण नहीं पता चल पा रहा है। जब स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल के स्टाफ से रिपोर्ट आने में देरी का कारण पूछा तो स्टाफ ने कहा, रविवार होने के कारण रिपोर्ट नहीं आई। इसके बाद वह अस्पताल की पैथोलॉजी लैब देखने पहुंचे, लेकिन वहां ताला लगा मिला। उसकी चाभी भी किसी के पास नहीं थी। जिस पर उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई। उन्होंने पूछा रविवार को मरीजों का इलाज नहीं होगा क्या? स्वास्थ्य सचिव ने तुरंत लैब खुलवाने के लिए लैब टेक्नीशियन को फोन करवाया और लैब खुलवाकर फोटो भेजने को कहा।

30 सितंबर तक रोज खुलेगी लैब

अस्पताल की पीएमएस डॉ. शिखा जंगपांगी ने बताया, यहां चंदन डायग्नोस्टिक से करार करके लैब चलाई जाती है। अस्पताल में लैब टेक्नीशियन की कमी है। इसलिए रविवार को लैब बंद रहती है। अन्य दिनों में सुबह आठ से शाम चार बजे तक लैब चलती है। ऐसे में स्वास्थ्य सचिव ने चंदन डायग्नोस्टिक के लैब टेक्नीशियन से बात की और निर्देश दिए कि 30 सितंबर तक रोजाना सुबह आठ से रात आठ बजे तक लैब खुलेगी। किसी भी मरीज को रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़े। सभी मरीजों को एक ही जगह रिपोर्ट दी जाए।
मरीज से प्लेटलेट्स को न कहें, खुद इंतजाम करें

स्वास्थ्य सचिव ने पूछा कि प्लेटलेट्स कहां से मिल पा रहे हैं। स्टाफ ने बताया, दून अस्पताल या फिर आईएमए ब्लड बैंक से मिलते हैं। इसके अलावा एक ग्रुप पर भी अपडेट करते हैं कि कितनी प्लेटलेट्स की जरूरत है। स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्लेटलेट्स की कमी होने पर मरीजों से यह नहीं कहा जाए कि प्लेटलेट्स लेकर आएं। आप उन्हें प्लेटलेट्स का इंतजाम करवा कर दीजिए। इसके अलावा डॉक्टरों से कहा कि 20 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर ही प्लेटलेट्स चढाएं।

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