जागेश्वर धाम में पीएम के संभावित दौरे के लिए तलाशे जाने लगे हेलीपैड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना के लिए संभावित दौरे को देखते हुए अल्मोड़ा जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। पीएम के हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए हेलीपैड की तलाश की जा रही है। इन्हें उतारने के लिए मानकों के अनुसार हेलीपैड तलाशना और इन्हें दुरुस्त करना प्रशासन के सामने किसी चुनौती से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री का 11 और 12 अक्तूबर को पिथौरागढ़ दौरा प्रस्तावित है। इसी बीच उनके जागेश्वर धाम पहुंचने की सुगबुगाहट है। प्रशासन ने इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन वह पीएम के दौरे की तैयारी में जुटा है। चर्चा है कि प्रशासन के पास पहले ही पीएम के जागेश्वर धाम के दर्शन का कार्यक्रम पहुंच चुका है। इसी को देखते हुए डीएम विनीत तोमर के नेतृत्व में कई विभागों की टीम शुक्रवार को शौकियाथल पहुंची और हेलीपैड का निरीक्षण किया। इसके बाद टीम निर्माणाधीन सड़क होते हुए जागेश्वर पहुंची। टीम ने गुरुड़ाबांज स्थित दोनों हेलीपैड का भी निरीक्षण किया।
जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ दौरे के दौरान ही पीएम मोदी जागेश्वर धाम पहुंच सकते हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए जल्द उनके हेलीकॉप्टर उतारने के लिए उपयुक्त हेलीपैड का चुनाव कर इसे दुरुस्त करना होगा। वहां एसडीएम एनएस नगन्याल, तहसीलदार बरखा जलाल, जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र भट्ट सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि अधिकारी पीएम के दौरे का आधिकारिक पत्र मिलने से मना कर रहे हैं तो वहीं इसकी संभावना भी जता रहे हैं। संवाद
हेलपैड का चुनाव चुनौती
अल्मोड़ा। यदि प्रधानमंत्री मोदी जागेश्वर पहुंचे तो उनके हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हेलीपैड को तलाशना निश्चित तौर पर चुनौती होगा। पीएम की फ्लीट में सेना के तीन एमआई हेलीकॉप्टर चलते हैं। सुरक्षा कारणों से पीएम के हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हेलीपैड दूर भी नहीं बनाया जा सकता है। शौकियाथल से वाया पक्की सड़क जागेश्वर की दूरी करीब 16 किमी पड़ती है। सड़क की हालत भी दयनीय है। शौकियाथल से निर्माणाधीन सड़क से जागेश्वर की दूरी करीब सात किमी है जिस पर जल्द डामरीकरण भी संभव नहीं है। ऐसे में नजदीकी हेलीपैड का चुनाव और वहां से जागेश्वर तक सड़क को चकाचक करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।