जो बोले सो निहाल की गूंज के साथ खुले 2025 में हेमकुंड साहिब के कपाट, जानिए क्यों खास रहा पहला दिन

हेमकुंड साहिब- श्रद्धा और आस्था के दिव्य संगम हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार सुबह ठीक 10 बजे पंच प्यारों की अगुवाई में विधिवत रूप से खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर लगभग पांच हजार श्रद्धालु मौजूद रहे और ‘जो बोले सो निहाल’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि कपाट खुलने से पहले शनिवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे में अखंड पाठ का भोग डाला गया और शबद कीर्तन हुआ। इसके बाद सेना और पंजाब से आए बैंड की मधुर धुनों के बीच पहला जत्था घांघरिया के लिए रवाना हुआ। जत्था शाम तक घांघरिया पहुंच गया था और रविवार सुबह पांच बजे श्रद्धालु हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुए।
यात्रा मार्ग पर सुविधाएं जुटाई गई हैं। आस्था पथ से बर्फ हटाकर दुकानें खोलनी शुरू हो गई हैं, जिससे मार्ग पर चहल-पहल लौट आई है। गोविंदघाट से पुलना तक वाहन से और फिर 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंचते हैं।
नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि दो महीने पहले गोविंदघाट का वाहन पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यात्रा पर संकट था, लेकिन प्रशासन और सरकार के सहयोग से नया पुल समय पर बन गया। यह तैयारी यात्रा की सफलता में एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है।