राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने हेमकुण्ट साहिब यात्रा के पहले जत्थे को किया रवाना, एआई चैटबॉट ‘इटरनल गुरु’ भी हुआ लॉन्च

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को ऋषिकेश से श्री हेमकुण्ट साहिब की यात्रा पर रवाना होने वाले पहले जत्थे को पंज प्यारों की अगुवाई में रवाना किया। दोनों ने संगत को शुभकामनाएं देते हुए उनकी सुरक्षित और सुगम यात्रा की कामना की।
राज्यपाल ने कहा कि 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह तीर्थस्थल आस्था, साहस और आत्मिक विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सरकार यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। यात्रा मार्ग पर की गई व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं से प्लास्टिक मुक्त यात्रा अपनाने और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हेमकुण्ट साहिब यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का अद्वितीय संगम है। उन्होंने बताया कि अब तक 60 हजार से अधिक श्रद्धालु हेमकुण्ट साहिब यात्रा के लिए पंजीकरण कर चुके हैं और चारधाम यात्रा के लिए यह संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि यात्रा को सुगम बनाने के लिए गोविंदघाट में वैली ब्रिज बन चुका है और जल्द स्थायी पुल का निर्माण होगा। यात्रियों की सुविधा हेतु रेलिंग, साइन बोर्ड, मेडिकल कैंप, पेयजल और गर्म पानी जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।
इस अवसर पर एआई आधारित चैटबॉट ‘इटरनल गुरु’ के उन्नत संस्करण का प्रदर्शन भी किया गया, जो श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं को तकनीक के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने में सक्षम है। यह चैटबॉट उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा हेमकुण्ट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के सहयोग से तैयार किया गया है।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल, रेनू बिष्ट, परमार्थ निकेतन अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, निर्मल आश्रम अध्यक्ष जोत सिंह, निर्मल अखाड़ा प्रमुख श्रीमंत ज्ञान देव महाराज समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।