Jackie Shroff के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें,आइये पढ़ते है

Jackie Shroff के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें,आइये पढ़ते है

बॉलीवुड में अपने अलग अंदाज और एक्टिंग के मशहूर एक्टर जैकी श्रॉफ का आज जन्मदिन है। जैकी श्रॉफ ने अपने लगभग 40 साल के करियर में उन्होंने 220 ​से ज्यादा फिल्मों में काम किया। जैकी श्रॉफ का जन्म 1 फरवरी, 1957 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता गुजराती थे और उनकी मां टर्किश थीं। जैकी आज फैमिली और फैंस के साथ अपना 63वां बर्थडे मना रहे हैं। उनका बचपन बेहद संघर्षों में गुजरा था। आज करोड़ों के मालिक जैकी का बचपन चॉल में बहुत की मुश्किलों के साथ गुजरा। आज हम आपको उनके जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी कई खास बातें बताते जा रहे हैं, जिसके बारे मेंं कम लोग ही जानते हैं। तो चलिए जानते हैं…

जैकी श्रॉफ नहीं ये है असली नाम:

एक्टर जैकी श्रॉफ 63 की उम्र में भी फिल्मों में सक्रिय हैं। जैकी को दूसरों से अलग बनाता है उनका देसी अंदाज और उसी अंदाज में बात करना। आपको बता दें कि उनका असली नाम जैकी नहीं बल्कि जय किशन काकूभाई श्रॉफ है। लेकिन आखिर उन्हें ये नाम मिला कैसे? जय किशन के जैकी बनने की कहानी दरअसल उनके स्कूल टाइम से शुरू होती है।

जय किशन को उनसे स्कूल के दोस्त लंबा नाम होने के चलते जैकी बुलाते थे बस यहीं से उनका नाम जैकी श्रॉफ पड़ गया। उन्होंने शुरू में कुछ विज्ञापनों में काम किया था और बाद में जब फिल्ममेकर सुभाष घई ने फिल्म हीरो से उन्हें लॉन्च किया तो उनका नाम जैकी श्रॉफ ही दिया गया।

तोड़ दिया था भाई की मौत ने:

टाइम्स नाऊ में छपी खबर के अनुसार जैकी ने बताया कि जब वह महज 10 साल के थे तो उनके भाई की भी मौत हो गई थी। जैकी श्रॉफ ने बताया, ‘हम मालाबार हिल स्थित तीन कमरे के एक चॉल में रहने लगे। हमारी चॉल का असली जग्गू दादा मेरा भाई था। बस्ती के लोगों को कभी भी जरूरत पड़ती थी, वह मदद के लिए जरूर आता था। मेरे भाई ने एक दिन समुद्र में एक आदमी को डूबते हुए देखा। उसे बचाने के लिए उसने तुरंत छलांग लगा दी थी। हालांकि, उसे तैरना नहीं आता था। इस कारण वह भी डूबने लगा था।’

जैकी आगे बताते हैं, ‘मैंने जब उसे डूबते हुए देखा तो एक केबल लाइन उसकी तरफ फेंकी। उसने वह केबल पकड़ ली, लेकिन कुछ ही वक्त बाद वह केबल उसके हाथ से फिसल गई थी। मैंने खड़े होकर उसे डूबते हुए देखा। इसके बाद मैंने कसम ली कि बस्ती वालों की मदद करुंगा। इस कारण मैं जग्गू दादा बन गया।’

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