हे सरकार…अनियोजित विकास से आ रही आपदा

हे सरकार…अनियोजित विकास से आ रही आपदा

आपदा के लिए शहर का अनियोजित विकास भी प्रमुख कारण है। राज्य के समुचित विकास के लिए मास्टर प्लान का न होना या इसका ठीक से क्रियान्वयन न होना विपदा को जन्म देता है। उत्तराखंड निर्माण के 23 साल पूरे होने वाले हैं लेकिन राज्य की दिशा और दशा सही मायने में अब तक तय नहीं हो पाई है। आलम यह है कि आज भी राज्य के कई क्षेत्रों में सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान है ही नहीं। जहां है भी तो वह अप्रासंगिक हो चुका है। इसमें बदलाव की जरूरत है। इस वक्त नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर सहित सिर्फ 18 नगरों में ही मास्टर प्लान लागू है। राज्य के समुचित विकास, मॉडल प्रदेश, पर्यटन प्रदेश, ऊर्जा प्रदेश, शिक्षा हब और जड़ी बूटी प्रदेश बनाने के दावे हर सरकार करती है लेकिन इसे परवान चढ़ाने की ईमानदार कोशिश नहीं हो पाई है। मास्टर प्लान लागू न होने और भवन निर्माण के नियमों में कई विसंगतियां होने से पूरे पहाड़ में अनियोजित और मनमाने तरीकों से भवन निर्माण हो रहे हैं। व्यावहारिक निर्माण नियमावली आ अभाव साफ झलक रहा है।

हाईकोर्ट से रद्द हो चुका है देहरादून और मसूरी का मास्टर प्लान

उत्तराखंड उच्च न्यायालय वर्ष 2018 में देहरादून और मसूरी के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान को रद्द कर चुका है। इस मास्टर प्लान की अधिसूचना 2008 और 2013 में जारी की गई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि नया मास्टर प्लान तैयार करते समय दून में चाय बागान के तहत निर्धारित जमीन का किसी अन्य उपयोग में परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

आरईपीएल तैयार करेगी मास्टर प्लान, 18 महीने का लक्ष्य

मास्टर प्लान तैयार करने के लिए चीफ टाउन प्लानर उत्तराखंड ने आवास विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। मास्टर प्लान तैयार होने के बाद उन्हें जन सुनवाई के लिए रखा जाएगा। इसके बाद डीडीए बोर्ड मंजूरी देगा। इसके लिए 18 महीने का लक्ष्य रखा गया है। आरईपीएल संस्था इससे पहले स्मार्ट सिटी, ऑनलाइन नक्शा प्रणाली, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल आपूर्ति प्रणाली जैसी योजनाओं पर काम कर रही है।

63 नगरों में भी लागू होना है मास्टर प्लान

अल्मोड़ा, रानीखेत, भतरौंजखान, भिकियासैंण, द्वाराहाट, कपकोट, धारचूला, डीडीहाट, पिथौरागढ़, बेरीनाग, गंगोलीहाट, टनकपुर, बनबसा, मंगलौर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लंढौरा, रामनगर, कालाढूंगी, लालकुआं, बाजपुर, गदरपुर, किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज, दिनेशपुर, गुलरभोज, केलाखेड़ा, महुआडाबरा, नानकमत्ता, शक्तिगढ़, सुल्तानपुर पट्टी, कोटद्वार, दुगड्डा, श्रीनगर, सतपुली, चमोली, जोशीमठ, पीपलकोटी, कर्णप्रयाग, नंदप्रयाग, पोखरी, थराली, रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, तलवाड़ी, ऊखीमठ, टिहरी, नरेंद्र नगर, चंबा, देवप्रयाग, चमियाला, गजा, कीर्तिनगर, घनसाली, लंबगांव, बड़कोट, चिन्यालीसौंड़, गंगोत्री, पुरोला, उत्तरकाशी, नौगांव।

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