राजकीय विश्वविद्यालय अब खुद संभालेंगे समर्थ पोर्टल

राजकीय विश्वविद्यालय अब खुद संभालेंगे समर्थ पोर्टल
राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। राज्य उच्च शिक्षा परिषद की 11वीं बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि अब समर्थ पोर्टल का संचालन राजकीय विश्वविद्यालय खुद करेंगे, ताकि स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश और अन्य शैक्षणिक गतिविधियां सुचारू हो सकें।

बैठक में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में केंद्रीय विश्वविद्यालय का शैक्षणिक कैलेंडर लागू करने का निर्णय लिया गया। इससे छात्र-छात्राओं को केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानकों के अनुसार पढ़ाई का लाभ मिलेगा।

उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण फैसले:

  • डिग्री कॉलेजों का विस्तार: प्रत्येक ब्लॉक में एक डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय।
  • शैक्षणिक सत्र: महाविद्यालयों में 180 दिन का अनिवार्य शैक्षणिक सत्र सुनिश्चित किया जाएगा।
  • बायोमेट्रिक उपस्थिति: प्राचार्यों, शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति अब बायोमेट्रिक से अनिवार्य होगी।
  • पुस्तकालय सुधार: सभी पुस्तकालयों में शत-प्रतिशत पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • सोलर पैनल और ओपन जिम: हर महाविद्यालय में सोलर पैनल और ओपन जिम स्थापित किए जाएंगे।
  • रोजगारपरक पाठ्यक्रम: सभी विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
  • ग्राम एवं विद्यालय गोद: विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अब एक-एक गांव और प्राथमिक विद्यालय गोद लेंगे।
  • रिक्त पद भरने का निर्देश: शिक्षण और शिक्षणेत्तर सभी रिक्त पदों को एक वर्ष के भीतर भरा जाएगा।

डॉ. रावत ने बताया कि नैक प्रत्यायन में सी ग्रेड वाले महाविद्यालयों को ए ग्रेड के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा, निदेशालय सहित सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों का ऑडिट कराया जाएगा। बैठक में उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र भसीन, कुलपति उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, रूसा सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत, और विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद् व अधिकारी शामिल रहे।

इस मीटिंग में जो भी फैसले हुए हैं उम्मीद करते हैं कि वो सच में पूरे किये जाय तो उत्तराखंड में बच्चौं को रहत मिलेगी।

Saurabh Negi

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